हरदा।प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिले हरदा की चौकड़ी सोसाइटी के अंतर्गत करीब दो करोड़ के चने की हेरा फेरी और किसानों के पंजीयन पर फर्जी तरीके से चना बिक्री करने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले को लेकर हरदा कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सहकारिता विभाग को 24 घंटों के भीतर जांच पूरी कर वास्तविक किसानों को उनके द्वारा भेजे गए चने का भुगतान किए जाने के निर्देश दिए हैं.
चौकड़ी सोसाइटी में चना खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सहायक आयुक्त सहकारिता अखिलेश चौहान ने समिति के भुगतान को तत्काल रोक दिया है. उनके द्वारा इस पूरे मामले में जांच पूरी होने के बाद ही खरीदी के दौरान किस तरह गड़बड़ी की गई है, उसकी रिपोर्ट पेश करने की बात कही है.
ऐसे हुई हेराफेरी
हरदा जिले की खिरकिया तहसील के अंतर्गत आने वाली चौकड़ी सोसाइटी में उन किसानों का भी पंजीयन करा दिया गया है. जिन्होंने रवि सीजन में अपने खेतों में चने की बोनी की ही नहीं है. साथ ही हंडिया के आस-पास के कुछ गांव के किसानों के पंजीयन भी इस सोसाइटी में कराए गए हैं. जबकि उन किसानों के आस-पास भी सोसाइटी चने की खरीदी करती हैं. इस मामले को लेकर सहकारिता विभाग के अधिकारी चौकड़ी सोसाइटी के सारे दस्तावेजों को बारीकी से खंगालने में जुट गए हैं. चौकड़ी सोसाइटी के द्वारा इस साल चना खरीदी के लिए 845 किसानों का पंजीयन कर 33 हजार क्विंटल चने की खरीदी की गई है, लेकिन उनके स्टॉक में केवल 30 हजार क्विंटल चना ही मिला है. उनके रिकॉर्ड में करीब 3 हजार क्विंटल चना कम पाया गया है. बीते साल भी चौकड़ी सोसाइटी के द्वारा करीब 41 किसानों को 40 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया था, जिसके बाद प्रशासन के द्वारा इस साल चौकड़ी सोसाइटी को खरीदी से दूर रखने के लिए कहा गया था, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते चौकड़ी सोसाइटी के द्वारा इस वर्ष भी चने की खरीदी कर गड़बड़ी की गई है.
कृषि मंत्री कमल पटेल का आ रहा नाम
इस मामले में कृषि मंत्री कमल पटेल के कहने पर चौकड़ी सोसाइटी को फिर से खरीदी करने की अनुमति मिलने की बात सामने आई है. किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मोहन विश्नोई का कहना है कि हमारे द्वारा लगातार प्रशासन को चौकड़ी सोसाइटी की गड़बड़ियों को लेकर शिकायत की जाती रही है, लेकिन फिर से उसी सोसाइटी को खरीदी करने की प्रशासन के द्वारा अनुमति दे गए दे दी गई है. वहीं इस साल चने की गड़बड़ी को लेकर कलेक्टर के द्वारा जिस अधिकारी को जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है. वह खुद ही पूर्व में गड़बड़ी करने का आरोपी है. जिसके चलते जांच प्रभावित होने की आशंका है. जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी सतीश सिटोके का कहना है कि इस मामले को लेकर सोसाइटी के सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.