हरदा। जिला शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए जो नवाचार किए हैं, इन पर कुछ शिक्षकों ने अपनी सहमति दी है तो वहीं कुछ शिक्षकों ने बिना किसी आदेश के इस तरह के वचन पत्र भरवाए जाने का विरोध जताया है. शिक्षकों का कहना है कि आखिर इस वचन पत्र को शिक्षा विभाग के अधिकारी किसके निर्देश पर शिक्षकों से ये भरवा रहे हैं.
शिक्षकों का कहना है कि कोई भी प्रधान पाठक यह स्पष्ट नहीं बता सकता कि उनके स्कूल का परीक्षा परिणाम कितना होगा, क्योंकि सरकारी स्कूलों में दर्ज कई बच्चे ऐसे हैं जो परीक्षा में भी शामिल नहीं होते हैं. यदि इस तरह का वचन पत्र भरवाया जाता है तो उनकी कलम फंस जाएगी.
वचन पत्र पर शिक्षकों का विरोध सरकारी स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर पांचवी और आठवीं क्लास का परिणाम लक्ष्य के अनुरुप आने को लेकर शिक्षा विभाग प्रशासनिक कसावट करते हुए हरदा जिले के सभी 824 प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के माध्यम से एक वचन पत्र भरवा कर उनके स्कूल की परीक्षा परिणाम को लेकर वचन पत्र भरवाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो शिक्षक-शिक्षिकाओं ने शिक्षा विभाग के इस वचन पत्र को भरकर दे दिया है लेकिन जिला मुख्यालय और आसपास की शालाओं के प्रधान पाठकों और शिक्षक- शिक्षिकाओं ने इस तरह के वचन पत्र को भरने से मना कर दिया है.
शिक्षकों का कहना है कि आखिर इस तरह के वचन पत्र को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ या फिर किस वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर भरवाया जा रहा है. यह स्पष्ट ही नहीं है. साथ ही सरकारी स्कूलों में दर्ज बच्चे भी नियमित नहीं रहते हैं. कई विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जो परीक्षा में शामिल ही नहीं होते. जिससे हमारे द्वारा पहले से ही दिए गए वचन पत्र में विरोधाभास आने की संभावना होती है. इसलिए हम इस तरह के वचन पत्र नहीं भरेंगें.
आगामी 4 मार्च से शुरु होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को लेकर शिक्षा विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन ने भी अब कड़ा रुख अपना लिया है. बेहतर परीक्षा परिणाम को लेकर कलेक्टर ने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की छुट्टियों को निरस्त करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं. साथ ही स्कूल की टाइमिंग में भी परीविर्तन किया गया है, जिससे शिक्षक-शिक्षिकाएं कमजोर बच्चों को विशेष कक्षा में परीक्षा के लिए तैयार करें. इस मामले को लेकर जिला शिक्षा केंद्र के DPC आरएस तिवारी ने बताया कि बोर्ड पैटर्न पर होने वाली पांचवीं और आठवीं कक्षा के बेहतर परिणाम को लेकर वचन पत्र भरवाए जा रहे हैं. जिसमें संबंधित स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं से उनके द्वारा साल भर पढ़ाए गए छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम को लेकर जानकारी मांगी जा रही है.