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MP Election 2023: एमपी में बीजेपी-कांग्रेस में चुनावी योजनाओं को चुराने की रेस! कौन होगा अव्वल, जानें पार्टियों का माइंड ब्लोइंग गेम - एमपी में चुनावी मुद्दों को चुराने की रेस

एमपी में इन दिनों एक दूसरे के मुद्दों को चुराने की होड़ मची है. चुनावी गणित ठीक करने के लिए दोनों ही पार्टियों के आला नेता नई-नई योजनाओं के जरिए जनता के बीच जा रहे हैं, ताकि वोटर्स उन्हें विधानसभा चुनाव 2023 में वोटों से नवाजें और वो सत्ता के शिखर पर विराजित हो सकें. आइये जानते हैं दोनों ही पार्टियों की वो कौन-कौन सी खास स्कीमें हैं जिस पर रार है और एक-दूसरे पर चुराने के आरोप लग रहे हैं. BJP Congress Game Changer Schemes.

BJP Congress Game Changer Schemes
एमपी में बीजेपी कांग्रेस की मुफ्त की योजनाएं

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Published : Jul 26, 2023, 7:41 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 8:05 PM IST

Shivraj Vs Kamal Nath Free Schemes War: मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी में राजनीतिक तनातनी चरम पर है. मगर दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को कॉपी करने से भी पीछे नहीं हट रही हैं. रोज एक दूसरे पर सियासी तीर छोड़ने वाली कांग्रेस और बीजेपी में इन दिनों होड़ मची है कि एक दूसरे की योजनाओं, स्कीम्स और साथ ही घोषणाओं को लपक लेने की. जानते हैं कुछ ऐसे ही ऐलानों के बारे में जिसके दम पर दोनों ही पार्टियां मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 (MP Assembly Election 2023)के चुनावी नतीजों को अपने हक में करने का दम भर रही हैं.

1.) हिन्दुत्व का मुद्दा : ये बीजेपी का कोर मुद्दा है. पार्टी ने इसे अमूमन देश के हरेक राज्य में चुनाव के दौरान हवा दी. लोगों को जताने की कोशिश की है कि हिन्दुओं की असल खैर-ख्वाह BJP ही है. हिन्दू नेशनलिस्ट पार्टी के रुप में BJP ने खुद को प्रोजेक्ट करने से कभी गुरेज भी नहीं किया. मगर कांग्रेस के लिए ये राह इतनी आसान कभी नहीं रही. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भी बीजेपी की राह पर धीरे ही सही मगर चलने की शुरुआत कर दी है. कांग्रेस इंदौर, जबलपुर और छिंदवाड़ा जैसे शहरों में सॉफ्ट हिन्दुत्व को उभार दे रही है.

ये तीन शहर तीन ऐसे इलाकों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां मिली जीत किसी भी दल को सत्ता में काबिज कर देगी. इंदौर के जरिए मालवा, जबलपुर से महाकौशल और छिंदवाड़ा से निमाड़ की राजनीति में गहरी पैठ बनाने की फिराक में है कांग्रेस. विध्य के लिए राहुल गांधी भी राम का नाम लेकर चुनावी अभियान का श्रीगणेश करने वाले हैं. वहीं, दतिया में जाकर मां पितांबरा के दर्शन कर और अपने भाषणों में इसका बार बार जिक्र कर प्रियंका गांधी भी कमोवेश ग्वालियर चंबल से लेकर बुंदेलखंड़ में अपनी धमक दे चुकी हैं.

2.) लाडली बहना योजना: BJP ने इस बार चुनाव से पहले ही एमपी में महिला वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए इस योजना की शुरुआत की. पहले राशि रखी गई 1000 जिसे अब शिवराज सरकार ने बढ़ाकर 3000 प्रतिमाह करने की घोषणा की है. इस योजना के जरिए बीजेपी करोड़ों महिलाओं के दिलों तक पहुंचने की बात कर रही है. इसकी जमीनी स्तर पर इंप्लीमेंटेशन भी शुरु हो गई है. 2 किश्तें 1-1 हजार की महिलाओं के खाते में भेजी गई है. जल्द ही योजना का दायरा बढ़ने वाला है. अब 21 से 23 साल की लाड़ली बहना भी इस योजना में शामिल होंगी.

इसी तर्ज पर कांग्रेस ने एमपी में नारी सम्मान योजना की लॉन्चिंग की है. कांग्रेस ने महिलाओं से वादा किया है कि अगर कमलनाथ की सरकार बनी तो उनकी सरकार 1500 रुपए अकाउंट में ट्रांसफर करेगी. इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने महिलाओं से KYC फॉर्म भी भरवाना शुरू कर दिया था.

3.)किसानों की कर्जमाफी की तर्ज पर ब्याजमाफी:कांग्रेस ने अपनी डेढ साल की सरकार में कर्जमाफी शुरु की थी. अब बीजेपी ने ब्याजमाफी की राज्य में शुरुआत की है. इस योजना के जरिए किसानों की नाराजगी को दूर कर फिर से शिवराज सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं.

4.) पेंशन योजना का मकड़जाल: एमपी में जब से प्रियंका गांधी ने पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का वादा किया है, तब से शिवराज सरकार के हाथ पांव ही फूल गए हैं. कांग्रेस की जबलपुर और ग्वालियर की जनसभा में प्रियंका ने जो वचन दिए हैं उसमें सबसे बड़ा वचन यह भी है. अब बीजेपी ने आनन फानन में इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है. शिवराज सरकार ने पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. साथ ही वादा किया है कि वो जल्द और बड़े तोहफे देगी. हालांकि, ये बात अलग है कि अभी भी पेंशनर्स से महज वादे ही हो रहे हैं धरातल पर ये कब और कैसे रूप लेगा देखना बाकी है.

5.) गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का सब्जबाग: एमपी में 1.25 करोड़ महिलाओं के लिए शिवराज सरकार LPG पर सब्सिडी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. वहीं कांग्रेस ने इसे राजस्थान से लेकर एमपी तक में चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाया हुआ है. कांग्रेस का वादा है कि वो सरकार में आई तो 500 रुपए में सिलेंडर देगी. शिवराज सरकार भी अनौपचारिक तौर पर सवा करोड़ बहनों को ये वादा करते नजर आते हैं.

6.) फ्री बिजली का चुनावी चौका:MP चुनाव से पहले कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस ने बड़ा पासा फेंका है. कमलनाथ ने वादा किया है कि किसानों को खेती के लिए उनकी सरकार मुफ्त में बिजली देगी. कृषक न्याय योजना के तहत कांग्रेस करोड़ों किसान मतदाताओं को अपने पाले में करना चाहती है. योजना के ऐलान के बाद से ही ग्रामीण अंचल में इसका जिक्र शुरू हो गया. लिहाजा बीजेपी ने भी एक बड़ा दांव खेला है और शहरी मतदाताओं के लिए 200 यूनिट बिजली का बिल आधा करने का वादा किया है. वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए कहा है कि डिफॉलटर्स किसानों को सरकार मदद देगी. साथ ही 5 हॉर्स पॉवर वाले मोटर से सिंचाई करने वाले किसानों के लिए मुफ्त बिजली मुहैया कराएगी.

शिवराज और कमलनाथ के बीच योजनाओं की जंग और मुफ्त की राजनीति में कई ऐसे मुद्दे हैं जो चुराए जा रहे हैं. मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका मध्य प्रदेश के आर्थिक ढांचे पर कितना असर होगा. पहले से ही खराब आर्थिक हालत से जूझ रहे प्रदेश को क्या ये मुफ्त के वादे राज्य को किसी बड़े संकट में ना धकेल दें.

बीजेपी के नेता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि...

कांग्रेस का मुद्दा था सिलेंडर पर कैपिंग लगाने का. UPA में एक साल में 9 सिलेंडर की संख्या कर दी और इसे घटाते रहे हैं. भाजपा की सरकार ने उज्जवला योजना दी.आज जो लोग बात कर रहे हैं वो कभी सफलता पूर्वक किसी योजना को हीं चला पाए. हमने हर गरीब की पक्की रसोई बनवाई. लीकेज को बचाया. मुख्यमंत्री लाडली बहना नाम ही शिवराज जी ने दिया है. कर्नाटक की सरकार जब पैदा भी नहीं हुई थी तब एक हजार रुपया महीना बैगा, सहरिया जाति को दिया जाता था. परिणाम अच्छे आए तो पंद्रह महीने में कमलनाथ की सरकार ने इसे बंद कर दिया. यह सभी योजना भाजपा की थी, जिसे कांग्रेस कॉपी कर रही है. टोटल झूठ बोलने का काम किया. रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री, भाजपा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि...

भाजपा का राजनीतिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए कुछ भी किया जा रहा है. यह जनता तय करेगी कि विजन वाले और टेलीविजन वाले नेता में अंतर क्या है? हमारी विश्वसनीयता ही हमें जीत दिलाएगी.असल कहानी तो यह है कि कांग्रेस की ही नकल भाजपा करती है. अब आप गैस सिलेंडर वाली योजना ले लें या फिर ला्डली बहना योजना. गैस सिलेंडर सस्ता करना हमारा मुद्दा है. लाडली बहना भी हमारी कर्नाटक सरकार का मुद्दा था. उसे भाजपा ने कॉपी किया है. कांग्रेस की योजनाओं के जितने भी नाम बदले हैं, वो भाजपा ने ही किया है. हमारी योजनाओं के नाम बदलकर यह दीनदयाल और श्यामाप्रसाद योजना कर देते हैं, क्योंकि इनके पास दूसरा कोई नाम नहीं है.केके मिश्रा, प्रवक्ता एवं अध्यक्ष कांग्रेस मीडिया विभाग

Last Updated : Jul 26, 2023, 8:05 PM IST

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