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इंटरनेट सनसनी एमपी की बेटी के मासूम कंठ से मिल रही किसानों को हिम्मत - अटल बिहारी वाजपेई की कविता

हरदा जिले के एक छोटे से गांव आलनपुर में रहने वाली मिट्टी की बेटी के नाम से पूरे देश में फेमस हुई सानिका पटेल ने दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों की हौसला अफजाई अपने कविता पाठ से की, जिसके बाद से सानिका सुर्खियों में रही हैं. ईटीवी भारत सानिका के पास उसके गांव पहुंचा और बात की..

Farmers of the country are sitting on a dharna in Delhi to protest against the agricultural law
सानिका

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Published : Jan 8, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 3:12 PM IST

हरदा: केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में देश के किसान दिल्ली में धरने पर बैठे हैं. हरदा जिले में मिट्टी की बेटी के नाम से पूरे देश में फेमस हुई सानिका पटेल ने दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों की हौसला अफजाई अपनी कविताओं के माध्यम से की है.

मिट्टी की बेटी सानिका

सानिका का मानना है कि वह खुद एक किसान की बेटी है. इसलिए किसानों का दर्द वो अच्छी तरह से जानती है. नन्हीं उम्र में इतनी बड़ी समझ के चलते उसने दिल्ली में बीते 40 दिनों से कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे किसानों की ताल से ताल मिलाई है. सानिका का कहना है कि जब तक सरकार के द्वारा इन तीनों कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता किसानों का आंदोलन जारी रहना चाहिए.

सानिका

एक छोटे से गांव आलनपुर में रहने वाली इस 8 साल की नन्ही सी सानिका के द्वारा एक किसान की बेटी होने के नाते दिल्ली धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करते हुए कविता पढ़ी और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक सरकार के द्वारा इन तीन कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता, आप धरने पर डटे रहें. इस दौरान हरदा की बेटी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की कविता के माध्यम से किसानों को डटे रहने के लिए भी प्रेरित किया.

अपने दादा के साथ सानिका

जब बच्चे खेलने कूदने और पढ़ने लिखने की उम्र में रहते हैं, उसी उम्र में सानिका कहती है कि बात जब किसानों के सम्मान और उनके आर्थिक मामले को लेकर हो तो उसे एक किसान की बेटी होने के नाते पीछे नहीं हटना चाहिए और इसी समझ के कारण वो दिल्ली किसानों के बीच पहुंची.

बागीचे में सानिका

सानिका का कहना है कि सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं, जिससे कि आने वाले दिनों में किसानों की भूमि और उद्योगपतियों का कब्जा होगा, साथ ही किसान अपनी खुद की भूमि पर ही गुलाम बनकर रह जाएंगे.

Last Updated : Jan 9, 2021, 3:12 PM IST

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