हरदा। तीन साल पहले 4.74 करोड़ रुपए की लागत से बने ट्रामा सेंटर की हालत खस्ता हो चुकी है. बीती देर शाम सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुए दो महिला पटवारियों को संसाधनों की कमी के कारण भोपाल रेफर कर दिया गया, जिसमे रास्ते में एक की मौत हो गई जबकी दूसरी महिला की हालत गंभीर बनी हुई है.
चार साल में चौपट हुआ करोंड़ों रूपए से बना ट्रामा सेंटर
ट्रामा सेंटर में देर शाम सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुईं दो महिला पटवारियों को भर्ती कराया गया. संसाधनों की कमी के कारण उन्हे भोपाल रेफर कर दिया गया, जिसमें रास्ते में एक की मौत हो गई जबकि दूसरी महिला की हालत गंभीर बनी हुई है.
जिला मुख्यालय पर करीब साढ़े तीन साल पहले जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री सरताज सिंह, सांसद ज्योति धुर्वे एवं विधायक डॉ आरके दोगने ने 4.74 करोड़ रुपए की लागत से बने ट्रामा सेंटर का उद्धघाटन किया गया था, लेकिन आज तक इस ट्रामा सेंटर पर जरूरी संसाधनों, स्टाप सहित अन्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. शासन की मंशानुरूप ट्रामा सेंटर पर किसी दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल मरीजों को उपचार किया जाना चाहिए था, अस्पताल के हालात कुछ और बयां करते हैं.
बीती देर शाम सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हुए दो महिला पटवारियों को यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल रैफर कर दिया गया था, रास्ते मे ही पटवारी निकिता अग्रवाल ने दम तोड़ दिया. वहीं पटवारी मोनिका पटेल स्थिति गंभार बनी हुई है.