हरदा(Harda)। हरदा जिला अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. जिला मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर एक आदिवासी महिला ने जननी एक्सप्रेस (Janani Express In Harda) के इंतजार में सड़क पर ही बच्चे को जन्म (give birth to infant on road) दे दिया. प्रसव के बाद महिला और नवजात करीब एक घंटे तक जननी एक्सप्रेस के आने का इंतजार करते रहे.एक घंटे के बाद मौके के पर पहुची जननी एक्सप्रेस से जच्चा और बच्चे को जिला अस्पताल ले जाया गया है.
सड़क पर ही गर्भवती महिला ने नवजात को दिया जन्म
भले ही सरकार शत प्रतिशत प्रसव सरकारी अस्पताल में होने के दावे करती हो लेकिन सरकार के इन दावों को सरकारी अस्पताल की लापरवाही ठेंगा दिखा रही है.जिला अस्पताल में बीती रात ग्राम गाड़रापुर दमामी का रहने वाला दुर्जनसिंह अपनी बेटी को डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल लाया था. चिकित्सा स्टॉफ ने प्रसव के टाइम पूरा नहीं होने और सोनोग्राफी के अनुसार 29 सप्ताह तक ही होने की जानकारी देते हुए घर जाने को कहा था.
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घर जाते टाइम हुई प्रसव पीड़ा
रविवार दोपहर 12 बजे अस्पताल से गांव की ओर मोटरसाइकिल से बेटी और पत्नी को लेकर जा रहा था.इस दौरान सिविल लाइन थाने के पास सामरधा रोड पर प्रसव पीड़ा होने पर महिला शिवानी बाई ने एक स्वस्थ्य बच्चे को बीच सड़क पर जन्म दे दिया.जिसके बाद उनके द्वारा 108 पर सड़क पर प्रसव होने की जानकारी दी.जहां करीब एक घण्टे के इंतजार के बाद जननी एक्सप्रेस मौके पर पहुंची.
परिवार ने अस्पताल पर लगाया आरोप
जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि रात को महिला को अस्पताल लाया गया था.लेकिन सोनोग्राफी रिपोर्ट में समय पूरा नहीं होने के चलते उसे आराम करने की सलाह दी थी.जिसके वह अपनी मर्जी से अपने घर जा रहे थे.जहां रास्ते मे महिला 8 महीने में एक दो किलो के बच्चे को जन्म दिया है.जानकारी मिलते ही जननी एक्सप्रेस भेजकर दोनों को जिला अस्पताल लाकर उपचार किया जा रहा है.