हरदा।राजीव गांधी पंचायती राज संगठन और जिला किसानकांग्रेसने कृषि मंत्री कमल पटेल पर निशाना साधते हुए मूंग की खरीदी शुरू नहीं हो पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है.कृषि मंत्री कमल पटेल ने 4 जून से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी करने की घोषणा की थी, इसके बावजूद जिले में अब तक खरीदी शुरू नहीं हुई. इसके अलावा सेवा सहकारी समिति चौकड़ी को जिला प्रशासन ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया था, इसके बावजूद इस साल समिति को अपनी अनुशंसा पर दोबारा से खरीदी करने की इजाजत दे दी. इस समिति पर सवा करोड़ रुपए से ज्यादे की हेराफेरी करने का आरोप लगा है, साथ ही समिति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है.
किसान कांग्रेस का आरोप है कि, उनके द्वारा पूर्व में सेवा सहकारी समिति चौकड़ी सहित कई समितियों के भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर को शिकायत की गई थी. सेवा सहकारी समिति चौकड़ी ने पिछले साल हुई समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान करोड़ों का घोटाला किया था, जिसके चलते प्रशासन ने उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया था, लेकिन स्थानीय विधायक और प्रदेश के कृषि मंत्री ने इस समिति के फिर से खरीदी करने को लेकर अनुशंसा दी थी. इस बार उनके द्वारा चना खरीदी में बड़ी हेराफेरी की गई है.
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किसान कांग्रेस का कहना है कि, प्रदेश के कृषि मंत्री ने पूरे प्रदेश में किसानों से 4 जून से समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी करने को लेकर घोषणा की थी. बावजूद इसके अब तक खरीदी शुरू नहीं की गई है. जिस कारण किसानों को तपती गर्मी के बीच तैयार की गई फसलों को ओने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. किसान कांग्रेस ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर इन दोनों मामलों को लेकर FIR दर्ज करने की मांग की है. किसान कांग्रेसी ने चौकड़ी सोसाइटी के अनुशंसा के लिए जारी पत्र भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को दिया है, जिसमें उनके द्वारा ब्लैक लिस्टेड समिति के लिए दोबारा खरीदी करने की अनुशंसा की गई है.
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किसान कांग्रेस का आरोप है कि, जिले में शासन ने मूंग की फसल में सिंचाई के लिए पानी देरी से छोड़ा था, जिस कारण मूंग की बोवनी लेट हुई थी और फसल कटाई के समय मानसून आने की वजह से खेतों में लगी फसलें सड़ गई हैं. प्रशासन ने मूंग की खराब फसल का सर्वे भी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि, कमल पटेल के कृषि मंत्री बनने के बाद किसानों को उनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही हैं.