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कोरोना को रोकने कलेक्टर ने जारी किया आदेश, मेडिकल-पैथोलॉजी सेंटर संचालकों को करना होगा ये काम

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने एक आदेश जारी किया है. जहां जिले की सभी मेडिकल दुकानों और फार्मेसी को लोगों को बेची गई सर्दी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने संबंधी दवाईयों के बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पूरी जानकारी देनी होगी. ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. पढ़िए पूरी खबर....

All the shopkeepers of the harda will have to give details of sale of medicines for cold, cough
कलेक्टर ने जारी किया आदेश सभी मेडिकल दुकानों को सर्दी, खांसी, बुखार की दवाओं के विक्रय का देना होगा ब्यौरा

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Published : Jun 28, 2020, 7:10 PM IST

हरदा। देशभर में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में जिले में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा ने संक्रमण को लेकर सही जानकारी देने के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश के तहत सभी मेडिकल दुकानों और फार्मेसी को आदेश दिया गया है कि वह जिन भी लोगों को सर्दी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने संबंधी दवाईयां देंगे, उनका पूरा ब्यौरा हर दिन देना होगा. ये पूरी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भेजनी होगा.

कलेक्टर वर्मा ने जिले की सभी पैथोलॉजी सेंटर संचालकों को आदेशित किया है कि जिन भी व्यक्तियों को मलेरिया, पैरासाइट टेस्ट, विडाल टेस्ट, कम्पलीट ब्लड प्रोफाईल, चेस्ट एक्सरे सहित अन्य टेस्ट जो सूचित किए जाएं, उनका पूरा ब्यौरा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध कराएं.

इसी प्रकार से जिले के सभी एलोपैथी, आयुष, यूनानी, सिद्धा, होमियोपैथी प्रायवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर, प्रायवेट क्लीनिक्स, को कलेक्टर ने आदेशित किया है कि सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों वाले मरीजों की पूरी जानकारी सीएमएचओ को निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराएं.

जिन व्यक्तियों की जानकारी सीएमएचओ को उपलब्ध कराई जाएगी, उन व्यक्तियों के पहचान पत्र के लिए ड्राईविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड में से किसी एक का अनिवार्य रूप से परीक्षण कर जानकारी सत्यापित करने के बाद ही सेवाएं दी जाएंगी. इसके साथ ही व्यक्ति के पते की सही जानकारी भी अंकित करना होगा, वहीं ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर के नंबर का सत्यापन भी मेडिकल दुकानों, पैथोलॉजी संचालक एवं प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर को करना होगा.

वहीं यदि संबंधित संस्थाओं द्वारा सही जानकारी नहीं दी जाती है और उसके बाद किसी व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है या उसकी मौत हो जाती है. तो उस संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी.

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