संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जल व्रत, विधि-विधान से की पूजा-अर्चना - संतान की दीर्घायु
प्रदेश भर में महिलाओं ने बड़े ही धूमधाम से मनाया हल छठ. प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर हल छठ की पूजा कर माताओं ने अपनी संतान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध उनके दीर्घायु की कामना की.
संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जल व्रत
हरदा/डिंडौरी/पन्ना। अपनी संतान की दीर्घायु के लिये महिलाओं ने हल छठ पर निर्जला व्रत रखकर पूजा अर्चना की. जिसमें पलास और कुश के पत्तों में रखकर भगवान की पूजा की गई. भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी व्रत या हलछठ पर्व मनाया जाता है. ये त्योहार भगवान कृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.