हरदा। जिला प्रशासन ने गेहूं फसल की कटाई के लिए हार्वेस्टर का पंजीयन अनिवार्य कर दिया है. जिन हार्वेस्टर संचालकों ने पंजीयन नहीं कराया है, उन पर हरदा के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में गेहूं की कटाई करने पर प्रशासन कार्रवाई करेगा. अपर कलेक्टर डॉ. प्रियंका गोयल ने गेहूं फसल की कटाई के लिए आने वाले हार्वेस्टर संचालकों को अपना पंजीयन आरटीओ और एसडीएम से करवाने के लिए कहा है.
हार्वेस्टर संचालकों पर होगी दंडात्मक कार्रवाई लेकिन हार्वेस्टर संचालक जिला प्रशासन के निर्देश को ताक पर रखकर मनमानी कर रहे हैं. हार्वेस्टर संचालक ना तो प्रशासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और ना ही अपना पंजीयन करवा रहे हैं.
एडीएम डॉ. प्रियंका गोयल ने बताया कि सभी हॉल स्टोर संचालकों को कटाई के दौरान प्रशासन के द्वारा दी गई अनुमति हमेशा साथ रखनी होगी. अगर खेतों में नरवाई जलाने जाने का कोई मामला सामने आता है, तो संबंधित किसान और खेत में कटाई करने वाले हार्वेस्टर संचालक के खिलाफ नियमों का पालन नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जिला प्रशासन ने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए दोपहर 1:00 से 4:00 के बीच किसी भी खेत में हार्वेस्टर के जरिए कटाई करने पर प्रतिबंध लगाया है. वहीं किसी भी प्रकार की अनहोनी पर काबू पाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
बता दें कि बीते साल होशंगाबाद में नरवाई की वजह से लगी भीषण आग से 10 लोगों को जान चली गई थी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने पुरानी घटना से सीख लेते हुए फसल कटाई के लिए कड़े नियम बनाए हैं, जिनमें हार्वेस्टर पंजीयन प्रमुख है. प्रशासन ने हार्वेस्टर संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मशीन में एसएमएस सिस्टम और भूसा मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही हार्वेस्टर भूसा मशीन की फिटनेस का भी विशेष ध्यान रखा जाए. जिसमें मशीन के साथ अग्निशमन यंत्र जैसे रेत और पानी की टंकी भी उसमें होनी चाहिए.