हरदा। शहर की तवा कालोनी का दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है. इस मंदिर की आधार शिला मुस्लिम समुदाय के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मेहंदी साहब ने रखी थी. मंदिर में देवी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. मंदिर में नवरात्रि के दौरान होने वाले आयोजनों में मुस्लिम परिवार भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं.
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल यह दुर्गा मंदिर, भक्तों की लगती है भारी भीड़ - कुआरी कन्याओं के अच्छे वर
हरदा के तवा कालोनी के दुर्गा मंदिर में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती है. जहां नवरात्रि पर हिंदु-मुस्लिम मिलकर आयोजनों में भाग लेते हैं.
तवा कालोनी में रहने वाले उपयंत्री वाय एस यादव ने बताया कि मंदिर की स्थापना 23 सितंबर 1990 को की गई थी. यहां पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसई मेहंदी की अध्यक्षता में मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किया गया था. तब से लेकर आज तक यहां पर हिंदु और मुस्लिम परिवार मिलकर नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाते है. यह मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि देवी नो देवियों में से माता का नौवां रुप सिद्धदात्री इस मंदिर में विराजमान है. यहां पर कुआरी कन्याओं को अच्छे वर ओर परिवार की कामना को लेकर मंदिर के पीछे-सीधे हथले देकर कामना की जाती है. जब मनमाफिक वर की प्राप्ति होती है तो वह जोड़े से आकर उनके लगाये गए हथेलो को सीधा लगाती है.