हरदा। जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर हंडिया गांव में नर्मदा नदी के तटों पर अमावस्या, पूर्णिमा सहित अन्य धार्मिक त्याहारों के मौके पर स्थानीय लोगों के अपने बच्चों को घाट के किनारों पर बैठाकर भिक्षावृत्ति करवाते हैं. जिसको लेकर हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने बाल दिवस के एक दिन पहले सभी नर्मदा घाटों पर भीख मांगने वाले बच्चों को इससे मुक्त करने को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है.
बाल दिवस को लेकर प्रशासन की पहल, बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त होगा हंडिया का नर्मदा घाट - Children begging at Ghat in Handia
हरदा जिले के हंडिया गांव में नर्मदा नदी के घाटों में स्कूल छोड़कर भीख मांगने वाले के लिए तहसीलदार अर्चना शर्मा ने अभियान की शुरुआत की है. जिसमें बाल दिवस से गांव के सभी बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की तैयारी की जा रही है.
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तहसीलदार अर्चना शर्मा ने बाल दिवस से गांव के सभी बच्चों को नियमित स्कूल भेजने और घाटों के किनारे बच्चों से भिक्षावृत्ति नहीं कराने को लेकर उनकी माताओं को बुलाकर समझाइश दी है. साथ ही बच्चों को बाल दिवस से घाटों पर भिक्षावृत्ति के लिए नहीं आने की बात कही है. साथ ही बच्चों के परिजनों के समझाइश दी गई की घाट पर को बच्चा भिक्षावृत्ति करते मिला तो इसके लिए उसके परिजनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा दान के रुपयों को लेने के लिए हंडिया के अनेक बच्चे स्कूल छोड़कर घाटों पर भीख मांगते हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने यह कदम उठाया है.