ग्वालियर। संगीत की नगरी ग्वालियर में शनिवार से विश्व संगीत तानसेन समारोह (World Music Tansen Festival) का आगाज होने वाला है. इसको लेकर तैयारियां पूरी हो गई है. शहर के हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के बगल से तानसेन समारोह का भव्य मंच तैयार किया गया है. अब की बार मंच की थीम ओंकारेश्वर स्थित सिद्धनाथ मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है.
इस भव्य और आकर्षक मंच से संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. तानसेन समारोह के मुख्य मंच की पृष्ठभूमि में भारतीय वास्तुकला के ऐतिहासिक स्मारक को प्रदर्शित किया जाता है. यह तानसेन समारोह शनिवार से शुरू होगा और 30 दिसंबर तक चलेगा.
विश्व विख्यात पंजाबी सूफी गायन का होगा गायन
शनिवार को तानसेन समारोह की संध्या पर पूर्वरंग 'गमक' का कार्यक्रम होगा. 'गमक' में विश्व विख्यात पंजाबी सूफी गायक उस्ताद पूरनचंद्र बडाली और लखविंदर बडाली का सूफियाना गायन होगा. विश्व भर में सूफी संगीत को सिद्ध प्रार्थना के रूप में स्थापित करने का श्रेय पद्मश्री पूरनचंद्र और उनके घराने को है. पद्मश्री पूरनचंद्र बडाली और उस्ताद लखविंदर बडाली के सूफियाना कलाम, भजन एवं गीतों से शनिवार की शाम भक्तिमय और संगीतमय होगी.
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तानसेन समारोह में 6 देशों के कलाकार देंगे प्रस्तुति
विश्व संगीत तानसेन समारोह में भारत के साथ ही विश्व भर के विख्यात कलाकार यहां पर संगीत और वादन की प्रस्तुति देते हैं. इस बार 6 देशों से 48 कलाकार अपनी प्रस्तुति देने वाले हैं. जिसमें ब्राजील, फ्रांस, अर्जेंटीना, स्पेन, रशिया और इजराइल देश के कलाकार शामिल हुए हैं. इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन का भी विशेष ध्यान रखा गया है.
जितने भी विदेशी कलाकार आ रहे हैं, उनसे किसी को भी नहीं मिलने दिया जाएगा. इसके साथ ही सभी विदेशी कलाकार कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह मंच पर पहुंचकर अपनी प्रस्तुति देंगे.
तानसेन समारोह का हुआ शुभारंभ, मंत्री उषा ठाकुर ने किए दीप प्रज्वलित
सीएम शिवराज, सिंधिया, तोमर सहित कई मंत्री करेंगे शिरकत
विश्व संगीत तानसेन समारोह का शुभारंभ आधिकारिक तौर पर रविवार यानी कल से होगा. रविवार को सबसे पहले तानसेन समाधि पर हरि कथा और मिलाद का गायन होगा. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम मंत्री शिरकत करेंगे. खास बात यह है कि अबकी बार तानसेन अलंकरण नहीं दिया जाएगा, लेकिन समारोह के दौरान हर दिन दो-दो कलाकारों को कालिदास सम्मान प्रदान किया जाएगा.