ग्वालियर। शहर के जयारोग्य अस्पताल समूह के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में भर्ती किए गए वार्ड ब्वाय, सफाई कर्मी और हाउसकीपिंग के कर्मचारियों को अस्पताल प्रबंधन ने अचानक नौकरी से निकाल दिया. जयारोग्य अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट के उद्घाटन समारोह में पहुंचे प्रदेश के ऊर्जा और कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की कार का हटाए गए कर्मचारियों ने रास्ता रोक लिया, आखिरकार मंत्री को इन हटाए गए कर्मचारियों को आश्वासन देना पड़ा कि स्टाफ की कमी के चलते नई भर्तियों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
2 महीने काम लेकर हटाया
खास बात यह है कि इन कर्मचारियों से अप्रैल और मई में काम लिया गया, बाद में उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से हटा दिया गया. जबकि भर्ती करते समय यह नहीं बताया गया था कि उनकी नियुक्ति सिर्फ 2 महीने के लिए की जा रही है. कर्मचारियों ने 2 दिन पहले अस्पताल समूह के अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था और गजराराजा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता के कार्यालय के बाहर भी धरना प्रदर्शन किया था.
इन कर्मचारियों का कहना है कि उनसे 2 महीने जोखिम भरे हालातों में काम कराया गया और जब काम निकल गया तो उन्हें नौकरी से हटा दिया गया.उनका कहना है कि उन्हें काम पर जब लिया गया था. जब कोरोना संक्रमित मरीजों के पास कोई खड़ा होने के लिए तैयार नहीं था. उन्होंने तमाम तरह के जोखिम लेकर और अपने परिवार को जोखिम में डालकर नौकरी की है और उन्हें अब हटा दिया गया है.
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आश्वासन के बाद छोड़ा मंत्री का रास्ता
खास बात यह भी है कि कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न तोमर ने इन कर्मचारियों की सेवा भाव को देखते हुए उन्हें 5 हजार रुपये अतिरिक्त देने का भी वादा किया था. वह पैसे भी अभी तक नहीं मिले हैं, प्रभारी मंत्री की कार के सामने काफी देर तक महिलाएं खड़ी रहीं. बाद में महिलाओं को आश्वस्त किया गया कि अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ और वार्ड ब्वाय और सफाई कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें दोबारा काम पर रखा जाएगा. कोविड प्रभारी मंत्री के आश्वासन के बाद महिला और पुरुष कर्मचारियों ने उनका रास्ता छोड़ा.