ग्वालियर। शहर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंची एक महिला हर्षलता डोंगे ने मंत्री और उनके कार्यकर्ताओं पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि वे आमखो स्थित दक्षिण जोन पर आउटसोर्स के कर्मी पद पर पदस्थ थीं, लेकिन कार्यपालन यंत्री राहुल साहू ने उनसे गलत व्यवहार करते हुए निकाल दिया, जिसके बाद दंतपि जब मंत्री के बंगले पहुंचा तो वहां पर मौजूद एसी विनोद कटारे ने मंत्री के कान भर दिए, जिसके बाद मंत्री जी का व्यवहार बदल गया और उन्होने हमे बंगले से भगा दिया, इतना ही नहीं मंत्री महोदय के कार्यकर्ता इस दौरान मारपीट पर उतारू हो गए, हमें जान बचाकर भागना पड़ा.
पीड़ित महिला का आरोप
महिला हर्षलता डोंगे का कहना है कि बिजली विभाग के आमखो स्थित दक्षिण जोन पर आउटसोर्स के कर्मी पद पर कार्यरत थी, वहां मौजूद अधिकारियों ने मुझे बिल वसूली के लिए लोगों को फोन करने को कहा,मुझे अलग से नंबर नहीं दिया गया, जिसके बाद मुझे अपने पर्सनल मोबाइल से ही बिल के संबंध में ग्राहकों से बात करना पड़ी, लेकिन लोगों ने अश्लील बातें और अश्लील मैसेज करना शुरू कर दिए, जब इस बात की जानकारी मेंने अधिकारियों को दी, तो उन्होंने कहा कि तुम काम करने की इच्छुक नहीं हो, उसके बाद मुझे नौकरी से बाहर निकाल दिया, जब उसका जवाब मांगा तो उन्होंने एक दूसरे पर टाल दिया और बात करने के लिए एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी तक घुमाने लगे.साथ ही महिला ने बिजली विभाग दक्षिण जोन में पदस्थ कार्यपालन यंत्री राहुल साहू, रेवेन्यू अधिकारी अंकुर द्विवेदी, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रियंका के साथ- साथ शहर के बिजली विभाग में पदस्थ ए.सी. विनोद कटारे पर 18 लाख के ई-पंजीयन घोटाले का आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि मंत्री जी से भी मैं इनकी शिकायत करने गई लेकिन उन्होने सुनने की जगह हमें भगा दिया.
महिला के पति बलवंत राव डोंगे का आरोप
मैंने आरटीआई के तहत ई पंजीयन 18 लाख के घोटाले का उजागर किया है, उसके बाद मेरी पत्नी को नौकरी से निकाल दिया, वहीं मेरे ठेके कैंसिल कर दिए, साथ ही मेरी गाड़ी जो बिजली विभाग में लगी थी, वह भी हटाने का प्रयास किया गया, अधिकारियों ने मुझ पर दबाव बनाया, जब इस बात की शिकायत मैंने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से की , तो उन्होंने बंगले पर मेरे और पत्नी के साथ अभद्रता करते हुए बंगले से भगा दिया और वहां मौजूद कार्यकर्ता भी रोड तक मारने आ गए, जैसे तैसे भागकर हमने अपनी जान बचाई. अब मैं चाहता हूं कि बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
ई-पंजीयन घोटाला