ग्वालियर। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसमें ग्वालियर चंबल अंचल की 16 सीटें सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है.ये सीटें तय करेंगी कि मध्य प्रदेश में किसकी सरकार स्थिर रहेगी. ग्वालियर चंबल अंचल में होने वाले उप चुनावों की बात करें तो अंचल में पिछले 10 सालों से 4 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं और यह उपचुनाव अंचल में बीजेपी के लिए हमेशा घाटे का सौदा रहा है. शिवराज सरकार में पिछले 10 सालों में 4 उपचुनाव हुए हैं और इन चारों चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है.
चंबल अंचल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. और दोनों ही पार्टियां अपनी पूरी ताकत ग्वालियर चंबल अंचल की सीटों पर लगा दी है. बीजेपी की बात करें तो खुद सीएम शिवराज से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम पूर्व मंत्री इस अंचल में ही डेरा जमाए हुए हैं. जबकि कांग्रेस की तरफ से खुद पूर्व सीएम कमलनाथ जिम्मेदारी संभाली हुई है, और हर सीट पर उनकी नजर है. लेकिन इस अंचल के उपचुनावों में हमेशा कांग्रेस ने बीजेपी को पटखनी दी है. और यही वजह है कि अब तक चार बार हुए उपचुनाव में बीजेपी बुरी तरह हारी है. और कांग्रेस ने फतह हासिल की है.
चंबल अंचल में सिंधिया के भरोसे बीजेपी
चंबल में उपचुनावों में कांग्रेस की जीत को लेकर बीजेपी के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे इसलिए कांग्रेस हमेशा से मजबूत रही है, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में है, और यही वजह है कि इस अंचल में अब कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधित्व करने वाला बड़ा नेता नहीं बचा है. इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर बीजेपी सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली है.
यह उपचुनाव 'गद्दारों और जनता के बीच'