ग्वालियर। दशहरे के मौके पर मंगलवार को शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हर्ष फायरिंग की थी. जिसके बाद उन्हें आरोपी बना दिया गया. अब बजरंग दल का कहना है कि एक ही शहर में एक ही घटना को लेकर अलग-अलग व्याख्या नहीं की जा सकती. या तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस ले या फिर पुलिस अधीक्षक पर भी मामला दर्ज किया जाए.
शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला बजरंग दल की दलील और आरोप
दरअसल, शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण नदी गेट पर हर्ष फायरिंग कर खुशी का इजहार किया था. बजरंग दल का कहना है कि उन्होंने दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा को निभाया है. कुछ ऐसा ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरपी लाइन में मंगलवार सुबह किया था, जहां शस्त्र पूजन के बाद पुलिस अधिकारियों ने फायरिंग की थी.
आंदोलन की चेतावनी
बजरंग दल का कहना है कि जब उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 336 के तहत कार्रवाई हो सकती है तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि दोनों ही एक जैसे मामले हैं. फिर अलग-अलग कानून क्यों. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 1 सप्ताह के भीतर दर्ज मामले वापस नहीं किए गए तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
ये था मामला
विजयदशमी के पर्व शस्त्र पूजन के वक्त विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हर्ष फायरिंग का मामला सामने आया था. जिसके बाद प्रशासन ने 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस ने वायरल वीडियो के जरिए हर्ष फायर करने वालों की पहचान की थी, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है.