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सड़क पर खड़े वाहन बने 'जी का जंजाल', कोर्ट आदेश के बाद भी नहीं हुआ समाधान - एक सप्ताह में जवाब मांगा

ग्वालियर शहर में इन दिनों सड़कों पर बेकरतीब तरीके से खड़े वाहन मुसीबत बन गए है. प्रशासन के प्रयासों के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं मिल पाया है. कोर्ट के आदेश के बाद भी लोगों ने सड़क पर वाहन खड़े करना नहीं छोड़ा है.

Vehicles parked on the road become a problem
सड़क पर खड़े वाहन बने 'जी का जंजाल'

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Published : Mar 16, 2021, 9:54 PM IST

ग्वालियर।हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद बेतरतीब तरीके से वाहन पार्क करने से यातायात की समस्या दिन पर दिन विकराल होती जा रही है. सबसे ज्यादा वाहन निजी अस्पतालों और कोचिंग सेंटर के बाहर आम रास्ते पर खड़े हो रहे हैं. जिससे आने जाने वाले लोगों की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं. संभागीय आयुक्त के निर्देश के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने हॉस्पिटल रोड स्थित निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को पत्र लिखकर उसने एक सप्ताह में जवाब मांगा है.

सड़क पर खड़े वाहन बने 'जी का जंजाल'
  • पत्र के तीन दिन बाद भी नहीं दिखा असर

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पत्र में कहा कि वे अपने यहां बेसमेंट में स्थित पार्किंग में ही वाहनों को पार्क कराएं अन्यथा नगर निगम और पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा. वहीं स्वास्थ्य विभाग भी ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा. लेकिन 3 दिन पहले लिखे गए सीएमएचओ के इस पत्र का नर्सिंग होम संचालकों पर कोई असर नहीं दिख रहा है. हॉस्पिटल रोड पर सरेराह वाहन खड़े होते हुए अभी भी देखे जा सकते है. इससे आने जाने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

संभाग में नहीं है पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक जाम बनी मुसीबत

  • पत्र लिखकर किया आग्रह

खास बात यह है कि बेसमेंट में पार्किंग कराने को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लंबे अरसे से प्रचलित है. जिसमें हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है कि सड़क पर वाहन खड़े नहीं किए जा सकते और उन्हें पार्किंग में ही खड़े करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. लेकिन इसके बावजूद नर्सिंग होम और निजी अस्पताल सहित कोचिंग सेंटर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. लोग अभी भी अपने वाहन सड़क पर पार्क कर रहे हैं. अब नगर निगम कमिश्नर को सीएमएचओ ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह ऐसे वाहन चालकों और नर्सिंग होम्स के खिलाफ कार्रवाई करें.

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