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हाई कोर्ट के निर्देश को ठेंगा दिखाकर बेसमेंट का धड़ल्ले से हो रहा कमर्शियल उपयोग

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी ग्वालियर में बेसमेंट का कमर्शियल उपयोग रुकने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी अधिकांश इलाकों में तलघरों का व्यवसायिक प्रयोग जारी हैं.

ग्वालियर

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Published : Oct 9, 2019, 8:33 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर के सिटी सेंटर और लश्कर इलाके में बड़े- बड़े शोरूम, होटल्स और अस्पतालों में पार्किंग करने के लिए बेसमेंट बनाने की अनुमति ली, लेकिन उनमें पार्किंग ना करके कामर्शियल उपयोग किया जा रहा है. उनका व्यवसायिक प्रयोग कर रहे हैं, इसके साथ ही इन भवनों में आने वाली गाड़ियों को बाहर ही सड़कों पर पार्क किया जा रहा है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है. ग्वालियर के व्यस्त इलाके में शुमार सराफा बाजार, दौलत गंज और महाराज बाड़ा जैसे इलाकों में इन तलघरों के व्यवसायिक इस्तेमाल की वजह से सारा दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. सिटी सेंटर इलाके में जो नए निर्माण किए गए हैं, उनकी भी यही स्थिति बनी है.


हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन और निगम कई इलाकों में तलघर के व्यवसायिक प्रयोग को रोकने के लिए उन्हें तोड़ने का काम किया, साथ ही बेसमेंट के बाहर तख्तियां भी लगवाई गई, ताकि लोग अपने वाहनों को बेसमेंट में पार्क कर सकें, लेकिन ऐसे भवनों की संख्या कम ही है.

बेसमेंट का कमर्शियल उपयोग और पार्किंग बाहर


ग्वालियर हाईकोर्ट के वकील अवधेश तोमर का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर निगम और जिला प्रशासन हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में केवल खानापूर्ति करने में जुटा हुआ है. हाईकोर्ट में फोटो पेश करने के उद्देश्य से कुछ तलघरों पर भी कार्रवाई की गई है, लेकिन जो बड़े रसूखदारों की बिल्डिंग हैं उन पर हाथ डालने से नगर निगम भी कतरा रहा है.


इस बारे में ग्वालियर कलेक्टर का कहना है कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद लगातार कार्रवाई जारी है, जहां से भी इस तरह की सूचना मिलती है, वहां टीम तलघरों को खाली कराकर उसमें पार्किंग कराने की बात सुनिश्चित करती है. रसूखदार पर कार्रवाई न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का निर्देश है, उसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा, चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो.


गौरतलब है कि ग्वालियर शहर में एक हजार से अधिक भवनों में बेसमेंट की अनुमति नगर निगम के द्वारा दी गई है. हालांकि, हाल में ही हाईकोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में नगर निगम अधिकारियों ने 400 से अधिक बेसमेंट का व्यवसायिक प्रयोग बंद कराने का दावा किया है.

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