ग्वालियर| इन दिनों पूरे देश में पर्यावरण को बचाने की मुहिम चल रही है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार की यही कोशिश है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, ताकि आने वाले समय में पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं हो, लेकिन स्मार्ट सीटी के नाम पर लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
ग्वालियर: स्मार्ट सीटी के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, NGT के नियमों के उल्लंघन का आरोप
इन दिनों पूरे देश में पर्यावरण को बचाने की मुहिम चल रही है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार की यही कोशिश है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, ताकि आने वाले समय में पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं हो, लेकिन स्मार्ट सीटी के नाम पर लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
ग्वालियर में स्मार्ट सिटी बनाने के चलते मेन रोड पर साइकिल और पैदल ट्रैक के निर्माण के लिए नगर निगम ने पेड़ काट दिए हैं और जो पेड़ बचे हैं उनके आसपास भी कंक्रीट या डामरीकरण कर दिया है. जिससे पेड़ों को पानी और खाद भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह पेड़ सूख जाएंगे. ऐसे में विपक्ष प्रशासन पर निशाना साधे हुए है. उनका कहना है कि लोग पर्यावरण बचाने की बात करते हैं, लेकिन ग्वालियर नगर निगम विकास के नाम पर पर्यावरण का गला घोंटने में लगा हुआ है. साथ ही एनजीटी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है.
बता दें कि एनजीटी के नियमानुसार किसी भी पेड़ के 6 मीटर के आसपास कंक्रीट या डामरीकरण नहीं किया जा सकता है. इस बारे में नेता प्रतिपक्ष कृष्ण राव दीक्षित का कहना है कि वह जल्द ही इस मामले में एनजीटी और प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को पत्र लिखकर इसकी शिकायत करेंगे. वहीं इस बारे में जब ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर से बात की गई, तो वह पेड़ों को ढंकने की बात को पूरी तरीके से नकार रहे हैं.