ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में शुक्रवार से चल रही कोविड-19 पर इंटरनेशनल वेबिनार का रविवार को समापन हो गया. इस दौरान सेमिनार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिका, स्पेन, डेनमार्क, चीन, इटली और पुर्तगाल सहित कई देशों के डॉक्टर और विशेषज्ञों ने कोविड-19 पर चर्चा की. सभी ने सिर्फ कोरोना को हराने पर ही चर्चा नहीं की, बल्कि इस महामारी से निपटने के तौर तरीके पर भी सवाल जवाब किया.
भारतीय खान-पान ने रोकी कोरोना की रफ्तार, इंटरनेशनल वेबिनार में बोले एक्सपर्ट - ग्वालियर
शुक्रवार से जीवाजी विश्वविद्यालय में चल रही इंटरनेशनल वेबिनार का समापन हुआ. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिका, स्पेन, डेनमार्क, चीन, इटली और पुर्तगाल सहित कई देशों के डॉक्टर और विशेषज्ञयों ने कोविड-19 पर चर्चा की.
इस पूरे सेशन में करीब 700 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए, रोजाना करीब ढाई सौ से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर इसमें अपनी सहभागिता करते हैं, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के टंडन हॉल में आयोजित इस 3 दिन की कोविड-19 वर्कशॉप के आखिरी दिन पुर्तगाल की डॉ. रिक्वेल पैराइबा ने कार्यक्रम संयोजक डॉ. जीबी एलके प्रसाद ने कोरोना वायरस निपटने के भारत के तौर तरीके के बारे में जानकारी हासिल की, जबकि अमेरिकी विशेषज्ञ कुलपति की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादा आबादी के बावजूद कोरोना का फैलाव अमेरिका जितना नहीं है. इसके पीछे उनका स्पाइसी भोजन करना प्रमुख कारण है.
इसके उलट अमेरिका में पैक्ड फूड और जंक फूड के इस्तेमाल के कारण लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है, इसके कारण अमेरिका में लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं. जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति का कहना है कि हमारे विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस से बहुत कुछ सीखने को मिला है. भविष्य में एक साथ ढाई सौ लोगों को जोड़ने वाली इस वेबिनार का आयोजन अन्य विषय पर भी किया जाएगा.