भोपाल/ग्वालियर। पूरे प्रदेश में अब कोरोना की तीसरी लहर में आंकड़े तेजी से घटते जा रहे हैं. सबसे सुखद बात यह है कि जिस तरह से बताया जा रहा था कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों पर हावी होगी. इस लहर में देखने में आया कि बच्चों ने हंसते-खेलते ही संक्रमण को मात दे दी है. जिले में लगभग 50 से 60 फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को निकाल दिया और बच्चों की इम्युनिटी के आगे कोरोना हार गया. (corona third wave impact in gwalior)
खत्म हो रही कोरोना की तीसरी लहर
पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दिख रही है. पॉजीटिविटी और डिस्चार्ज रेट में अंतर लगातार कम हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या नए पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा हो जाए तो माना जाता है कि संक्रमण कम हो रहा है. इधर, स्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कोरोना की तीसरी लहर का पीक 1 सप्ताह पहले ही खत्म हो चुका है. अब कोरोना संक्रमण खत्म होने की और बढ़ रहा है.
22-23 जनवरी को मिले सर्वाधिक मरीज
आंकड़ों के अनुसार भोपाल में पॉजीटिविटी रेट लगभग स्थिर है. ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है. विशेषज्ञों ने 20 जनवरी से 28 जनवरी के बीच कोरोना के पीक पर होने की उम्मीद जताई थी. 21 जनवरी को शहर में डिस्चार्ज रेट महज 11 प्रतिशत ही था, जो 28 जनवरी को बढ़कर 53.4 हो गया. इस दौरान पॉजीटिविटी रेट 25 के आसपास ही स्थिर है. कोरोना का ग्राफ अब नीचे आ रहा है. विभाग का अनुमान था कि पीक 24 जनवरी को आएगा लेकिन 22-23 जनवरी को सर्वाधिक मरीज मिलने के बाद नए मरीज कम हो रहे हैं.
जिले में 200 से अधिक बच्चे हुए थे संक्रमित
शुरुआती दिनों में कोरोना की तीसरी लहर में लगातार अंचल में संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ा. इससे जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी चिंतित हो गई. इसके साथ ही सरकार ने बच्चों के लिए स्कूल और उनकी देखने के लिए निर्देश जारी कर दिए. बच्चों की इम्युनिटी के आगे यह संक्रमण कुछ भी नहीं कर पाया. जिले में दिसंबर से लेकर अभी तक 200 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से सिर्फ पांच फीसदी बच्चे भर्ती किए गए. गंभीर अवस्था में कोई भी बच्चा नहीं पहुंचा. लगभग सभी बच्चे ठीक होकर अपने घर भी आ गए. (corona cases in gwalior)