ग्वालियर। एक बार फिर ग्वालियर को स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन लाने की कवायद शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि अब इसको लेकर शहर के वॉटर और सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों का निरीक्षण करने के लिए कल केंद्रीय दल आ सकता है. ये दल सिर्फ निगम के प्लांटों और लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेगा. ऐसे में नगर निगम ने प्लांटों पर मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी शुरू करने के साथ ही लैंडफिल साइट पर कचरे से खाद बनाना शुरू कर दिया है. दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की परीक्षा इस बार 7500 के बजाय 9500 अंकों की है. हर तीन माह में सर्वेक्षण के चरण चलेंगे. सर्वेक्षण के लिए निगम ने इस बार फिर वॉटर प्लस और गार्बेज फ्री सिटी की सेवन स्टार रैंकिंग के लिए दावेदारी की है. पिछले सर्वेक्षण के नतीजों में ग्वालियर पिछड़ गया था. इसके साथ ही शहर में गंदगी ना हो इसके लिए अलग-अलग टीमें नगर निगम में तैनात की है. यह सुबह से लेकर शाम तक शहर के हर इलाकों का निरीक्षण कर रही है.
अलर्ट मोड पर अधिकारी: देश के स्तर पर ग्वालियर को 2021 की तुलना में तीन स्थान नीचे खिसककर 18वें स्थान पर रहना पड़ा था. इस लिहाज से 2023 में हर हाल में रैंकिंग में सुधार पर अधिक जोर दिया जा रहा है. बता दें कि ग्वालियर-चंबल अंचल के अंतर्गत दो ही जिलों में नगर निगम है. इनमें ग्वालियर और मुरैना शामिल है. बाकी जिलों में नगर परिषद व नगर पालिकाए हैं. केंद्रीय दल ने दिसंबर माह में नगर निगम मुरैना में सर्वे कर लिया है, अब ग्वालियर निगम की बारी है. अगले दो दिन के अंदर शहर में भी सर्वे की शुरुआत होने के कारण अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं.