ग्वालियर। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनके जैन और सदस्यों ने सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया. उन्होंने कैदियों की रहने और खाने-पीने की व्यवस्था को देखा और उस स्थान पर भी गए, जहां 26 जनवरी की रात एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस दौरान उन्होंने आयोग की सीमाओं और उसके कार्य क्षेत्र के बारे में मीडिया से चर्चा की.
राज्य मानवाधिकार की टीम ने किया सेंट्रल जेल का निरीक्षण - ग्वालियर
ग्वालियर में आज राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एनके जैन और सदस्यों ने केंद्रीय केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से आयोग की अधिकारों पर भी चर्चा की.
बता दें विचाराधीन कैदी नरोत्तम रावत ने मंदिर के ऊपर लगे झंडे को फंदा बनाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. हालांकि उसकी मानसिक स्थिति क्या थी, इसके बारे में कोई सटीक जवाब नहीं है. जस्टिस एनके जैन ने कहा कि पूछताछ में पता चला है कि कैदी नरोत्तम रावत को कुछ दिन पहले ही जुवेनाइल जेल से केंद्रीय कारागार शिफ्ट किया गया था. उन्होंने जेल प्रबंधन से मामले की पूरी जानकारी मांगी है.
मानवाधिकार आयोग के अधिकारों पर चर्चा करते हुए जस्टिस जैन ने कहा कि आयोग के पास सिविल कोर्ट के अधिकार हैं. अगर कोई अफसर बुलाने के बाद भी नहीं आता है, तो उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया जा सकता है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण करने समाज की बेहतरी के लिए जन-जागरण अभियान चलाना भी उनके अधिकार क्षेत्र में है.