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मुरैना शराब कांड के बाद स्प्रिट के टैंकर होंगे ई-लॉक से लैस - Poisonous liquor

मुरैना शराब कांड को देखते हुए डिस्टलरी प्लांट से निकलने वाले टैंकरों को ई-लॉक से लैस किया जाएगा. आबकारी विभाग ने यह जिम्मा एक प्राईवेट कंपनी को सौंपा है.

Tanker drivers will not be able to do anything wrong with the e-lock.
ई-लॉक के होते टैंकर ड्राइवर नहीं कर पाएंगे कोई गड़बड़.

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Published : Feb 17, 2021, 6:24 PM IST

ग्वालियर। मुरैना में जहरीली शराब कांड के बाद से ही डिस्टलरी प्लांट से स्प्रिट को लेकर निकलने वाले टैंकरों को ई-सिस्टम से लैस कर दिया गया है. जीपीएस से लैस टैंकरों को ई-सिस्टम से जोड़ने के बाद अन्य टैंकरों में भी ई-सिस्टम लगाया जाएगा. आबकारी विभाग ने यह जिम्मा एक प्राइवेट कंपनी को दिया है. साथ ही पेट्रोलियम कंपनी की तर्ज पर आबकारी विभाग ने ई-लॉक सिस्टम का ट्रायल भी किया है. हाई-वे पर ड्राइवरों की मिलीभगत से पेट्रोल डीजल की चोरी के अलावा स्प्रिट की चोरी को रोकने के लिए यह ई सिस्टम लगाया गया है.

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ई-लॉक कैसे करता है काम ?

यह ई-लॉक सिस्टम ई-लॉकर जैसा ही सिस्टम होता है और इन सिस्टमों के डिवाइस को टैंकरों पर लगाया जाता है. जिसका एक कंट्रोल टैंकर के ड्राइवर के केबिन में रहता है, जो सर्वर से कनेक्ट रहता है. बिना ओटीपी यानी 'वन टाइम पासवर्ड' के इसे नहीं खोला जा सकता है. अगर कोई इसे खोलने या तोड़ने की कोशिश करता हैं तो सर्वर पर अलर्ट आ जाता है और संबंधित अधिकारियों को इसका मैसेज मोबाइल पर मिल जाता है. वहीं संबंधित अधिकारी तत्काल टैंकरों को ट्रैक कर सकता है.

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