ग्वालियर। आमतौर पर लोग बेटे की कामना में लगे रहते हैं लेकिन बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं और बेटों का फर्ज निभा रही हैं. मामला जनकपुर क्षेत्र का है, जहां मां की मौत के बाद उसकी बेटियों ने ना केवल शव को कांधा दिया बल्कि उसे मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया. बता दें कि मृतका के बेटा नहीं था बल्कि चार बेटियां थी.
बेटे की कमी पूरी कर रहीं बेटियां, मां का अंतिम संस्कार कर निभाया बेटे का फर्ज
बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है और बेटों का फर्ज भी निभा रही हैं. ताजा मामला जिले के जनकपुर क्षेत्र का है, जहां मां की मृत्यु पर उसकी बेटियों ने ना केवल कांधा दिया बल्कि उसे मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया.
लड़कियों के पिता प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने कभी अपनी बेटियों को बेटे से कम नहीं समझा. हमेशा उनका लालन-पालन भी बेटों की तरह ही किया. यही वजह है कि आज उनकी बेटियों ने बेटे की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. वहीं बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने के बाद, उनके रिश्तेदार भी फक्र महसूस कर रहे हैं. मंझली बेटी के पति निखिल ने कहा कि आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उनका ऐसे परिवार से रिश्ता है, जो दकियानूसी प्रथाओं के बंधन से दूर है.
बता दें कि जनकगंज क्षेत्र के न्यू जोहरी कॉलोनी में रहने वाले एरिगेशन विभाग से रिटायर्ड प्रभाकर कान्हेरे की 82 वर्षीय पत्नी संध्या का निधन हो गया था. संध्या कई महीने से बीमार चल रही थी. प्रभाकर और संध्या को कोई बेटा नहीं है लेकिन चार बेटियां हैं और चारों का विवाह ग्वालियर में ही हुआ है.