ग्वालियर। शहर के नाक-कान, गला रोग विशेषज्ञ और भाजपा नेता डॉ. एएस भल्ला के सहारा अस्पताल को मिले स्थगन आदेश पर शनिवार को कोई फैसला नहीं हो सका. जिला प्रशासन ने अस्पताल को मिले स्टे आर्डर को निरस्त कराने के लिए आवेदन किया था, लेकिन दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले को सोमवार तक के लिए टाल दिया हैं.
सहारा अस्पताल के स्टे को लेकर सोमवार को आएगा फैसला दरअसल जिला प्रशासन ने हाल ही में टारगेट पर आए सहारा अस्पताल पर तीन जेसीबी मशीनों, पोकलेन और नगर निगम के अमले के साथ शुक्रवार सुबह चढ़ाई कर दी थी और अस्पताल का बड़ा हिस्सा तोड़ दिया था. जिला प्रशासन का आरोप था कि अस्पताल के बाहर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. सड़क पर कुर्सियां डाल दी गई हैं और जनरेटर भी बाहर रखा गया है. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने कोर्ट में नगर निगम के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वहां पार्किंग है, जनरेटर सेट को हटा दिया गया है और कुर्सियां भी हटा ली गई हैं.वहीं सिविल कोर्ट ने 16 दिसंबर तक के लिए स्टे आर्डर दिया था, लेकिन जिला प्रशासन इस स्टे को खारिज कराने के लिए शुक्रवार को ही कोर्ट में चला गया. बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन, नगर निगम और डॉ.भल्ला के वकीलों में 2 घंटे तक बहस होती रही. डॉ भल्ला के वकीलों का कहना है कि नगर निगम ने जिला प्रशासन के इशारे पर उन्हें नोटिस दिया है.गौरतलब है कि डॉ भल्ला हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी को लेकर टारगेट पर आए थे. कांग्रेस नेता के मकान पर उन्होंने पिछले दो दशकों से इस अस्पताल को संचालित किया हुआ है. मकान को खाली कराने का विवाद भी न्यायालय में लंबित है. देर शाम तक वकील कोर्ट के फैसले का इंतजार करते रहे लेकिन कोर्ट ने सोमवार तक के लिए फैसले को टाल दिया है.