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Nagar Nigam Gwalior : ग्वालियर में बड़ी मुश्कल से बची सिंधिया और तोमर की लाज, एक वोट से BJP ने जीता सभापति चुनाव - बीजेपी की रणनीति सफल

आखिरकार ग्वालियर सभापति के लिए बीजेपी की रणनीति और बाड़ेबंदी काम आई. बीजेपी ने नगर निगम के सभापति के पद पर जीत हासिल कर ली है. बीजेपी के सभापति प्रत्याशी मनोज तोमर 34 वोट मिले तो वहीं 33 वोट कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मी गुर्जर को मिले. (Scindia and Tomar shame saved in Gwalior) (BJP won chairman election by one vote)

Scindia and Tomar shame saved in Gwalior
ग्वालियर में बड़ी मुश्कल से बची सिंधिया और तोमर की लाज

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Published : Aug 5, 2022, 2:15 PM IST

ग्वालियर।काउंटिंग के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह बीजेपी के प्रत्याशी मनोज तोमर को सभापति घोषित कर दिया. कांग्रेस और बीजेपी से क्रॉस वोटिंग भी हुई है. कांग्रेस के पास पार्षदों की संख्या 25 थी लेकिन उसको 33 वोट मिले. जाहिर है, कांग्रेस के लिए निर्दलीय के साथ बीजेपी के पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है. इस पर बीजेपी और कांग्रेस मंथन करने की बात कर रही है. अपनी जीत के बाद नवनिर्वाचित सभापति मनोज तोमर ने कहा कि वह सभी का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने उनको वोट किया है.

ग्वालियर में बड़ी मुश्कल से बची सिंधिया और तोमर की लाज

बीजेपी की रणनीति सफल :बीजेपी भले ही ग्वालियर महापौर का पद हासिल नहीं कर पाई लेकिन सभापति के लिए कुशल रणनीति और बाड़ेबंदी का उन्हें फायदा मिल गया है. महापौर का पद हारने के बाद बीजेपी ने सभापति के पद को हासिल करने के लिए एड़ी- चोटी का जोर लगा दिया. ग्वालियर- चंबल अंचल के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार सभापति के पद को हासिल करने के लिए रणनीति बनाते रहे. यही कारण है कि सभापति के चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने सभी 34 पार्षदों को ग्वालियर से जाकर दिल्ली में एक होटल में ठहराया. जहां पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी पार्षदों के मंथन कर सभापति की सीट हासिल करने के लिए रणनीति तैयार की. इस रणनीति का नतीजा यह निकला कि बीजेपी ने सभापति सीट पर कब्जा कर लिया.

तोमर-सिधिंया ने बनाई रणनीति :ग्वालियर में बीजेपी के द्वारा महापौर की सीट हारने के बाद लगातार अंचल के दोनों दिग्गज सिंधिया व तोमर की साख पर सवाल खड़े होने लगे थे और यही वजह रही कि इन दोनों दिग्गज नेताओं के साथ-साथ पूरी बीजेपी ने सभापति की सीट हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. सबसे पहले 34 नवनिर्वाचित पार्षदों को दिल्ली बुलाया, जहां पर पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी पार्षदों के साथ बैठक की और उसके बाद फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बंगले पर सभी 34 पार्षदों के साथ मंथन किया.

Gwalior Sabhapati Election: सभापति के मतदान में बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर, कांग्रेस को फायदा

बड़ी मुश्किल से बची लाज : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की साख को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे कि अगर बीजेपी सभापति का सीट भी हार जाती है तो कहीं ना कहीं ग्वालियर -चंबल अंचल में बीजेपी के लिए बुरा असर देखने को मिलता. यही कारण है कि सिंधिया और तोमर सभापति की सीट को हासिल करने के लिए मंथन और रणनीति बनाते रहे और आखिरकार उन्होंने सभापति की सीट को जीतकर अपनी साख बचा ली.

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