ग्वालियर। करीब 400 करोड़ की लागत से बन रहे ग्वालियर अंचल (Gwalior Zone) के सबसे बड़े एक हजार बिस्तरों वाले अस्पताल(One thousand bedded hospital) का निर्माण, अब विवादों के घेरे में आ गया है. गुजरात के राजकोट की जेपी स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ कंपू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें चोरी की रेत, सीमेंट और मोरम का परिवहन का गलत इस्तेमाल और उसके भंडारण के आरोप लगाए गए हैं. लेकिन शिकायतकर्ता आईटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist) आशीष चतुर्वेदी ने कहा है कि इस मामले में चंबल अभ्यारण्य क्षेत्र (Chambal Reserve Area) के प्रतिबंधित रेत का भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल हुआ है.
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चंबल नदी की 'रेत' का प्रयोग
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने बड़ी चालाकी से इस तथ्य को गायब कर दिया है. जिसमें वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा को बढ़ाने के लिए वो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. पिछले महीने आरटीआई एक्टिविस्ट ने अस्पताल के निरीक्षण में जाकर चंबल नदी (Chambal River) के रेत का इस्तेमाल होने का तथ्य उजागर किया था और उसकी शिकायत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से की थी.
एक हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में घोटाले की 'बू' गुजरात की जेपी स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप
खनिज विभाग ने कंपू पुलिस थाने को आवेदन दिया है, जिसमें गुजरात की जेपी स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रेत सीमेंट के अवैध रूप से भंडारण परिवहन और उसके इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज की गया है. इसमें खास बात यह है कि इस मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी अपना बयान देने के लिए तैयार नहीं है. कंपनी के अधिकारी भी इस मामले में मुंह नहीं खोल रहे हैं. इससे पहले यह अस्पताल जंग लगे सरिये के इस्तेमाल के बाद सुर्खियों में आया था, लेकिन किसी तरह इस मामले को दबा दिया गया था.