ग्वालियर मेले में वाहनों की खरीद पर छूट को लेकर रॉर ग्वालियर।मध्य प्रदेश सरकार का चुनावी स्ट्रोक एक बार फिर से ग्वालियर के लोगों के लिए फायदेंमद कम, बल्कि नुकसानदायक सबित होने वाला है. सरकार एक हफ्तें पहले राजनीतिक दबाव और चुनावी साल को देखते हुए ग्वालियर के व्यापार मेले से फोर व्हीलर ओर टू व्हीलर वाहन उठाने पर 50 फीसदी रोड टैक्स की छूट दे दी है. लेकिन मौजूदा हालत ये है ग्वालियर शहर सिकुड़ता जा रहा है. वाहनों को पार्क करने के लिए जगह नहीं है. जो हैं भी उन्हें लोग उपयोग नहीं करते है. नतीजा ये है, शहर के हर इलाके में जाम जैसी बनी रहती है. (Bjp told beneficial and congress said harmful)
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इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट मिलने से होता फायदाःइसके बावजूद परिवहन विभाग का अनुमान है, करीब 20 हजार से ज्यादा फोर व्हीलर और टू व्हीलर वाहन उठ सकते है. ऐसे में राजनीति भी शुरू हो गयी है. बीजेपी के सांसद कहते है ये लोगों के हित में सरकार ने फैसला लिया है. वहीं कांग्रेस के विधायक का कहना है कि अगर छूट देनी थी तो फोर व्हीलर और टू व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन पर देते. वैसे ही शहर में चलने की जगह नहीं है. दूसरी ओर प्रदूषण के मामले में शहर मध्य प्रदेश में टॉप है. साथ ही यह भी कहना है कि लगातार शहर की ट्रैफिक व्यवस्था खराब होती जा रही है. हालात यह हो चुके है कि करोड़ो रुपए की जो शहर में पजल पार्किंग बनाई है वह प्रशासन की अनदेखी के चलते खाली पड़ी है. लोग सड़कों पर अपने वाहन खड़ा करके जा रहे हैं. (Benefits of getting discount on electric vehicles)
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था होगी और खराबः बता दें कि मौजूदा हालत में, ग्वालियर जिले में पंजीकृत दो पहिया वाहनों की संख्या 5 लाख 93 हजार 869 तक पहुंच गई है. जबकि चार पहिया वाहन 1 लाख 11 हजार 405 हैं. अन्य शहर और प्रदेश के रजिस्ट्रेड वाहनों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है. हालत ये है सड़को पर चलने और पार्किंग की जगह नहीं है. ऐसे में इस मेले में वाहनों की संख्या शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मुश्किल पैदा करने वाली है. पिछले साल मेला छूट में 16 हजार 823 दोपहिया व चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई थी. (Traffic system of the city will be worse)