ग्वालियर। इस समय पूरे देश भर में कोरोना लगातार भयानक रूप लेता जा रहा है. इसकी चपेट में अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि जवान और बच्चे भी तेजी से आ रहे हैं. यही वजह है कि कोरोना अब शहर के घर-घर तक तो पहुंच ही चुका है, लेकिन अब कोरोना संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पैर पसार रहा है. ग्वालियर जिले के कई गांवों में सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है. कई गांव तो ऐसे हैं जहां पूरा गांव संक्रमण की चपेट में आ गया है. इसके कारण अब सरकार और जिला प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे है. जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण पहली लहर की तुलना में गांव में यह संक्रमण तीन गुना हो चुका है. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गांवों मं सख्ती बढ़ाना शुरू कर दी है.
ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है कोरोना वायरस ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा संक्रमण
ग्वालियर जिले में शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कई गांव तो ऐसे हैं जिनमें सभी लोग बीमार पड़े हुए हैं. जिले में मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक कुल संक्रमित मामलों में 4.84 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों से थे. जबकि इस बार फरवरी 2021 से अप्रैल तक यह आंकड़ा 12.4 पर पहुंच गया है. इसके चलते जिला प्रशासन ऐसे गांव में उन गांवों में सख्ती करना शुरू कर दी है जहां पॉजिटिव केस ज्यादा आ रहे है. क्योंकि अगर यही हालत रहे तो मई महीने के अंत तक कोरोना संक्रमण हर गांव में दस्तक दे चुका होगा. उस समय एक बार फिर अप्रैल जैसे हालात बन सकते हैं, इसलिए जिला प्रशासन ने गांवों में सख्ती बढ़ना शुरू कर दिया है.
संक्रमित गांव बने माइक्रो कंटेनमेंट जोन
मई महीने के पहले सप्ताह में ही कोरोना संक्रमण ने गांव में रफ्तार पकड़ ली है. ग्वालियर के कई गांव तो ऐसे हैं जिनमें सभी लोग जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित है लेकिन वह डॉक्टरों को दिखाने के लिए नहीं जा रहे हैं. ऐसे में उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ रहा है. अब जिला प्रशासन ने गांव में सख्ती करना शुरू कर दिया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ज्यादा केस आने वाले गांवों को 10 दिन के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान गांव में आने-जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है
गांवों का दौरा कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम
हाल में ही ग्वालियर जिले के भितरवार के इटमा में कोरोना का विस्फोट हुआ है. जहां 300 लोगों के सैंपल कराने पर 40 लोग संक्रमित निकले हैं. जिसमें से दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है. 1200 आबादी वाले इस गांव के हर घर में सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीज है. लेकिन वह टेस्ट कराने को राजी नहीं है. यह एक ही गांव नही बल्कि जिले के कई ऐसे गांव हैं जहां पर ऐसे ही हालात बने हुए हैं. अधिकतर गांव में लोग बीमारी है लेकिन डॉक्टर के पास नहीं जा रहे हैं. इस कारण जिले में गांव में कई लोग संक्रमित निकल रहे हैं. अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जिले के हर गांव में मेडिकल टीम भेज रहा है ताकि गांव में पहुंचकर कोरोना की जांच शुरू की जाए.
पिछले साल भी डबरा था हॉट स्पॉट
ग्वालियर जिले के डबरा, भितरवार और मोहना तहसील के गांवों में कोरोना संक्रमण में लगातार हावी हो रहा है. यहां लगभग सभी गांव में कोरोना संक्रमित में मरीज पाए जा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने इन सभी क्षेत्रों पर खास नजर बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. क्योंकि पिछले साल भी डबरा तहसील में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए थे. यही वजह है कि अब इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फिर से संक्रमण हावी हो रहा है. साथ ही गांवों में लगातार कई लोगों की मौत होने के मामले भी सामने आ रहे हैं. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्थाएं करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
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भगवान भरोसे स्वास्थ्य केन्द्र
अभी हालात ऐसे हैं कि बढ़ते संक्रमण के कारण शहरों में सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह कम पड़ रही है. साथ ही लगातार ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है. अगर गांव में भी ऐसे हालात बन गए तो प्रशासन के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती बन जाएगा. क्योंकि गांव में स्वास्थ्य केंद्रों में तो उतनी व्यवस्थाएं भी नहीं है जितनी शहरों के अस्पताल में लोगों को बमुश्किल मिल पा रही है. कई गांवों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर तो ताले लगे हुए हैं. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेड उपलब्ध करा दिए हैं. साथ ही वहां पर ऑक्सीजन की भी उपलब्ध करा दी गई है. मेडिकल टीम हर गांव में सर्वे कर रही है. उनको किट प्रदान कर दी गई है.