ग्वालियर।उत्तर प्रदेश में श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का मामला ग्वालियर में तूल पकड़ता जा रहा है. इसी को लेकर हिंदू महासभा पिछले दो दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. हिंदू महासभा के आवेदन पर ग्वालियर के क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने सपा नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. ये एफआईआर धार्मिक भावनाओं को भड़काने, जातियों के विरूद्ध वैमनस्यता फैलाने जति और समुदाय के बीच घृणा पैदा करने के मामले में धारा 153A और 295 के तहत दर्ज की गयी है.
स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की मांग: दरअसल गुरुवार दोपहर को अखिल भारत हिंदू महासभा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर समाजवादी पार्टी के नेता विधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्य को महाशिवरात्रि पर्व के पूर्व गिरफ्तार करने की मांग की थी. साथ ही लखनऊ में श्रीरामचरितमानस रामायण जलाने वालों पर धारा 153 ए देशद्रोह एवं धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में आवदेन दिया था. जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गयी है.
स्वामी प्रसाद मौर्य पर एफआईआर Ramcharitmanas Controversy: ग्वालियर में हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस को सौंपा ज्ञापन, रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों पर कार्रवाई की मांग
बड़े आंदोलन की चेतावनी: वहीं हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर जयवीर भारद्वाज ने कहा कि महाशिवरात्रि तक यदि स्वामी प्रसाद मौर्य को गिरफ्तार नहीं किया गया तो 19 फरवरी को राष्ट्र व्यापी आंदोलन होगा. वहीं दूसरी और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा आ गयी है. ओबीसी महासभा ने कहा है कि FIR पर निष्पक्ष जांच करें, अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा. साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ महंत राजू दास द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य का गला काटने वाले वक्तव्य पर एफआईआर दर्ज करें, अन्यथा ओबीसी महासभा सड़क से संसद तक पूरे देश में बड़ा आंदोलन करेगा.
Ramcharitmanas controversy: ग्वालियर में हिंदू महासभा ने खून से लिखा योगी को पत्र,स्वामी प्रसाद की गिरफ्तारी की मांग
क्या है विवाद की वजह: वहीं बीते दिन हिंदू महासभा संगठन के लोगों ने खून से पत्र लिखकर स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की मांग की थी. दरअसल जब से बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने रामचरितमानस की कुछ विवादित चौपाइयों को उद्धृत किया है तब से ही यह विवाद चला आ रहा है. अब हिंदू समाज के अगड़े और पिछड़े लोगों के बीच यह विवाद की यह वजह बन गया है. जिसके कारण समाजवादी पार्टी एवं ओबीसी समाज जहां स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन कर रहा है. वहीं हिंदू संगठनों से जुड़े लोग मौर्य का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.