ग्वालियर। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आठ महीने पहले शुरू हुई पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. 28 हजार रुपए कीमत की एक साइकिल के शहर में 50 डॉक स्टेशन बनाए गए थे. जहां 500 साइकिलों को रखा गया है. लेकिन लॉकडाउन ने इस योजना पर ग्रहण लग गया है. डॉक स्टेशनों पर खड़ी साइकिलें कबाड़ हो रही हैं. वहीं इन साइकिलों को कोई राइडर नहीं मिल रहा है.
पब्लिक बाइक शेयरिंग साइकिल हो रहीं कबाड़, विभाग इस योजना की कर रहा है तैयार - Corona virus
ग्वालियर में पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. लॉकडाउन ने इस योजना को गहरा पलीता लगाया है. पिछले महीने से साइकिल खड़ी कबाड़ हो रही हैं.
स्मार्ट सिटी के सीईओ जयति सिंह ने बताया कि उनके डॉक स्टेशनों पर साइकिल चलाने वाले नहीं पहुंच रहे हैं. राइडर नहीं मिलने से साइकिल की स्थिति बदत्तर हो रही है. ग्वालियर सिटी सेंटर इलाके में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पब्लिक बाइक शेयरिंग का वर्कशॉप भी संचालित होता था, जो लंबे अरसे से बंद पड़ा है. ऐसे में कई साइकिलें टूट फूट गई हैं. उन्होंने आगे बताया कि योजना से लॉकडाउन ओपन होने के बाद स्कूल और कॉलेज गोइंग और कार्बन उत्सर्जन बचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा.
बता दें कि इस परियोजना का आरंभ पिछले साल सितंबर में किया गया था. परियोजना को ग्वालियर में बेहद लोकप्रिय बताया गया था. एक विशेष एप डाउनलोड करने पर यह साइकिल कुछ पैसा चुकाने पर प्रति घंटे के हिसाब से राइड करने के लिए लोगों को उपलब्ध हो जाती थीं. 60 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा एक खास एप को डाउनलोड किया गया था. उस दौरान 80 हजार राइड भी पूरी होने का दावा स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने खुद किया था.