ग्वालियर। ललाटपारा स्थित आदर्श गौशाला में इन दिनों होलिका दहन के लिए गो काष्ठ का निर्माण किया जा रहा है. शहर के प्रमुख चौराहों पर होलिका दहन में इस बार गो काष्ठ का उपयोग किया जाएगा जिससे पार्यवरण भी सुरक्षित रहेगी.
ग्वालियर: पर्यावरण को बचाने के लिए शहर में गोबर की लकड़ियों से जलेगी होली, पर्यावरण का रखा गया खास ध्यान - पर्यावरण
शहर के प्रमुख चौराहों पर जलने वाली होली में इस बार गो काष्ठ का उपयोग किया जाएगा. जिले में पर्यावरण को बचाने के लिए होलिका दहन में लकड़ियों की जगह गोबर काष्ठ का इस्तेमाल किया जा रहा है
शहर के प्रमुख चौराहों पर जलने वाली होली में इस बार गो काष्ठ का उपयोग किया जाएगा. जिले में पर्यावरण को बचाने के लिए होलिका दहन में लकड़ियों की जगह गोबर काष्ठ का इस्तेमाल किया जा रहा है. विभिन्न संस्थाओं से अब तक गौशाला को 300 कुंटल गो काष्ठ का ऑर्डर मिल चुका है.
गोशाला में गाय की देखरेख का जिम्मा संभालने वाले आचार्य सच्चिदानंद का कहना है कि गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से होलिका दहन करने से कार्बन डाइऑक्साइड की जगह ऑक्सीजन निकलती है जिससे पर्यावरण में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है. आदर्श गौशाला में कुल 7500 गाय हैं जिनसे लगभग 40 कुंटल गो काष्ठ निकलता है इनमें से कुछ का प्रयोग बायोगैस प्लांट के लिए होता है बाकी गोबर से गो काष्ठ का निर्माण किया जाता है.