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ग्वालियर: मतदाता लिस्ट से नाम गायब होने पर भड़के प्रद्युम्न सिंह तोमर के समर्थक, भारी हंगामे के बाद मामला हुआ शांत - मतदाता लिस्ट से नाम गायब

मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है लेकिन ग्वालियर के बीटीआई स्थित मतदान केंद्र पर एक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सका. उसे बताया गया कि उसका नाम मतदाताओं की सूची से हटा दिया गया है.

Name missing from voters list
मतदाता का लिस्ट से नाम गायब

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Published : Nov 3, 2020, 11:13 AM IST

Updated : Nov 3, 2020, 12:52 PM IST

ग्वालियर।मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है. राज्य सरकार के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिनकी किस्मत का फैसला मतदाता करेंगे. लेकिन इसी बीच ग्वालियर के बीटीआई स्थित मतदान केंद्र पर एक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सका. उसे बताया गया कि उसका नाम मतदाताओं की सूची से डिलीट कर दिया गया है. खास बात यह है कि आरा मिल इलाके में रहने वाला परमानंद पिछले 40 सालों से अपने निवास पर रह रहा है. वहीं उसके घर के अन्य सदस्यों के वोट शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हैं, लेकिन परमानंद जो परिवार के मुखिया हैं उन्हीं का नाम सूची से गायब है.

इसे लेकर बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर के समर्थकों ने मतदान केंद्र पर तैनात लोगों से काफी बहस हुई, लेकिन मतदान केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें साफ तौर पर बता दिया कि वह मजबूर हैं, क्योंकि उनका नाम सूची से हटा दिया गया है. अब यह नाम क्यों हटाया गया है, इसके पीछे की वजह फिलहाल पता नहीं चल सकी है. बीटीआई स्थित मतदान केंद्र पर कुल 685 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं इनमें लगभग 340 महिलाएं और 345 पुरुषों के नाम शामिल हैं, लेकिन परमानंद नामक मतदाता का नाम इस सूची में नहीं है इसे लेकर बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न तोमर के समर्थकों में नाराजगी है.

ग्वालियर -चंबल सीटों पर खास नजर

28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर चंबल की हैं. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को सिंधिया का गढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी प्लेयर के तौर पर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. इस क्षेत्र से बीजेपी के अन्य दिग्गजों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और चौहान सरकार में वरिष्ठ मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं. यहीं वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस ने जीत के लिए यहां पूरी ताकत झोंक दी. इस स्थिति में कमलनाथ पर पूरा दबाव है कि, वे अपने स्तर पर सिंधिया की गैरमौजूदगी में चंबल की कितनी सीटें निकाल पाते हैं.

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सिंधिया समर्थकों की अग्निपरीक्षा

जिन सिंधिया समर्थकों को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह मिली हुई है, उनके लिए अपनी सीट बचाए रखने के लिए उपचुनाव जीतना जरूरी है, नहीं तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है. इनमें महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, बिसाहू लाल सिंह, एदल सिंह कंसान, राज्यवर्धन सिंह कैबिनेट मंत्री हैं, तो वहीं राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे ओपीएस भदौरिया, गिरिराज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव शामिल हैं.

Last Updated : Nov 3, 2020, 12:52 PM IST

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