ग्वालियर। तीन दिन पहले ग्वालियर में कोरोना मरीजों को नकली प्लाज्मा बेचने के मामले में अब लगातार नए खुलासे होते जा रहे हैं. 13 दिसंबर की रात पुलिस ने नकली प्लाज्मा बेचने के मास्टरमाइंड के घर दबिश दी. जहां पुलिस को भारी मात्रा में प्लाज्मा के कैरी बैग, रसीदें, सर्टिफिकेट व अधिकारियों की सील और दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपी प्लाज्मा खरीदने के लिए जरूरतमंद मरीजों को फंसाते थे. फिर प्लाज्मा को कोरोना के स्वास्थ्य मरीज का साबित करने के लिए सरकारी अस्पताल और अधिकारियों की सील और सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करते थे.
पुलिस अधिकारियों ने आरोपी अजय त्यागी के घर छापामार कार्रवाई की. उसके घर से करीब 200 प्लाज्मा, कैरी बैग, रेड क्रॉस की करीब 500 से ज्यादा रसीदें, ब्लड बैंक के सर्टिफिकेट के अलावा एसडीएम, सीएमएचओ और जीआरएमसी के डीन सहित रेड क्रॉस की सील और दस्तावेज बरामद हुए हैं.
शहर के हर अस्पताल से था आरोपी का कनेक्शन
नकली प्लाज्मा बेचने का मुख्य मास्टरमाइंड अजय त्यागी, लैब टेक्नीशियन डिप्लोमा का कोर्स किया है. इसके अलावा उसका शहर के लगभग हर निजी अस्पताल में वार्ड बॉय गार्ड, और स्टाफ से कनेक्शन भी बताया है. वह इन लोगों के जरिए ही वहां प्लाज्मा से पहले वह खून बेचने का धंधा करता था. इन लोगों के जरिए उसे पता चलता है कि किस मरीज को खून या प्लाज्मा की जरूरत है. उसके यही गुर्गे जरूरतमंद को उसका नंबर मुहैया कराते थे. नकली सील और सर्टिफिकेट के जरिए अजय प्लाज्मा खरीदने वालों को यह पता था कि प्लाज्मा कोराना से ठीक हुए पेशेंट का है. नकली प्लाज्मा बेचने वाली इस बड़ी रैकेट कि पुलिस हर एंगल से पड़ताल कर रही है और वह हर उस व्यक्ति तक पहुंच रही है जो इस गोरखधंधे में शामिल था.
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तीन दिन पहले हुआ था मामले का खुलासा
एक निजी अस्पताल में नकली प्लाज्मा चलाने से कोविड-19 के मरीज मनोज गुप्ता निवासी दतिया की मौत हो गई थी. इसका खुलासा प्लाज्मा की जांच और मृतक की शार्ट पीएम रिपोर्ट में हुआ. कोविड के मरीज मनोज गुप्ता को इलाज के लिए ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां 6 तारीख की शाम को उन्हें प्लाज्मा की जरूरत बताई थी. परिजन एक प्लाज्मा बोतल की व्यवस्था करके लाए थे और उस मरीज को यह प्लाज्मा चढ़ा दिया था. 8 तारीख की शाम को फिर एक प्लाज्मा की आवश्यकता बताई. ऐसे में परिजनों ने प्लाज्मा की खोज की लेकिन उन्हें नहीं मिला तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से कहीं से व्यवस्था कराने की बात कही.
अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एक व्यक्ति का नंबर दिया और कहा कि यह व्यक्ति आपके लिए प्लाज्मा की व्यवस्था करा देगा. अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताए गए व्यक्ति से बात करने के बाद उसने 18 हजार में जयारोग्य अस्पताल के ब्लड बैंक से प्लाज्मा लेकर आया और मरीज को चढ़ाया गया. 10 तारीख की सुबह उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई.
नकली प्लाज्मा देने की शिकायत पर पड़ाव थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. जांच में नकली प्लाज्मा सप्लाई करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ. उसके बाद पड़ाव थाना पुलिस ने नकली प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अजय शंकर त्यागी सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग शहर के कई अस्पतालों में नकली प्लाज्मा मरीजों के परिजनों को सप्लाई करती था.