ग्वालियर। जिले में इन दिनों आत्महत्या का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. आत्महत्या करने वालों में युवा, वृद्ध और महिलाएं शामिल हैं. सबसे ज्यादा मामले ऐसे हैं जो तनाव या घरेलू समस्या को लेकर खुदकुशी कर रहे हैं. आत्महत्या जैसे कदम रोकने के लिए पुलिस काउंसलिंग सेल तैयार करने का प्लान कर रही है.
शहर में आत्महत्या रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. जिसे लेकर पुलिस एक काउंसलिंग सेल तैयार करने का प्लान कर रही है. जिससे आत्महत्या जैसे मामलों में पुलिस प्रोएक्टिव होकर उन्हें कंट्रोल कर सके. जनवरी से लेकर अभी तक के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो ये बेहद चौंकाने वाले हैं क्योंकि 6 महीने के अंदर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में करीब 300 लोगों ने खुदकुशी की है.
शहर में हर दिन 1-2 लोग करते हैं आत्महत्या
शहर में हर 24 घंटे में एक से दो लोग आत्महत्या करते हैं. जिसके पीछे गृह क्लेश या फिर तनाव जैसी समस्याएं सामने आती हैं. इसके अलावा दहेज प्रथा जैसे मामले भी महिलाओं के लिए आत्महत्या का कारण बन रहे हैं. हाल में ही एक पुरुष ने जहर खाकर जान दे दी, तो एक एएसआई की बेटी ने फांसी लगा ली, जबकि एक युवक का शव सागर ताल में तैरता हुआ मिला. इस तरह के कई केस सामने आये हैं.
शहर में आए दिन हो रही आत्महत्या
तनाव जैसी समस्याओं पर रोक से कम हो सकते हैं आंकड़े
शहर में बढ़ते आत्महत्या के आंकड़ों पर एसपी नवनीत भसीन का कहना है कि इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए जल्द एक काउंसिल तैयार करने की प्लानिंग की है. जिसमें शहर के वरिष्ठ और प्रबुद्ध नागरिक जन को जीवन जीने के लिए प्रेरणा के साथ ही समझाइश देंगे. खुदकुशी के पीछे पारिवारिक तनाव, वर्कप्लेस पर काम का ज्यादा लोड, आर्थिक समस्याएं मुख्य कारण बनी हुई हैं. इन पर रोक लगाकर ही खुदकुशी के आंकड़ों को कम किया जा सकता है. साथ ही जिले की एक टीम को विशेष ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जा रहा है. जो ऐसे मामलों में एक्टिव होकर रोकने का प्रयास करेगी.