ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल में जहरीली और नकली शराब का कारोबार लगातार जोर पकड़ रहा है. फैक्ट्री से शराब बनाने का केमिकल टेंकरो से रवाना होता है. उनके ड्राइवर हाईवे के ढाबों पर रोककर माफियाओं को ओपी (ओवर प्रूफ केमिकल) बेच देते हैं. जिसके बाद ग्वालियर चंबल अंचल के सभी पुलिस अधीक्षकों ने अलर्ट जारी किया है. क्योंकि अभी तक जांच में पाया गया है कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें शराब की जगह जहरीले केमिकल मिथाइल अल्कोहल था. मतलब अगर ग्वालियर चंबल अंचल में प्रशासन और पुलिस ओपी और केमिकल को रोकने में सफल हुई तो कुछ हद तक जहरीली और नकली शराब को कम किया जा सकता है.
मुरैना जहरीली शराब कांड के बादल ग्वालियर चंबल अंचल की शराब फैक्ट्रियों पर जांच अधिकारियों की नजर है. ओपी (ओवर प्रूफ केमिकल) को चोरी छिपे इन फैक्ट्रियों से भेजा जा रहा है. जिसके जरिए शराब माफिया जहरीली शराब बना रहे हैं. फिर भी पुलिस प्रशासन या आबकारी विभाग ने इसपर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं.
ग्वालियर मुरैना में पकड़ी गई हजारों लीटर ओपी (ओवर प्रूफ केमिकल)
- 20 दिसंबर की रात नूराबाद पुलिस ने सांक नदी के पुल पर लोडिंग वाहन से 3 ड्रम और एक कार से 2 कैन सहित 1300 लीटर ओपी जब्त की.
- आरोपियों ने कबूला की रायरू डिस्टलरी से निकले टैंकरों से खरीदा है.
- इससे मुरैना जौरा के ग्रामीण इलाकों में नकली शराब बनी.
- 7 दिन पहले रायरू डिस्टलरी से 30 हजार लीटर ओपी से भरा एक टैंकर भीलवाड़ा राजस्थान पर रवाना हुआ था.
- रायरू से करीब 50 किलोमीटर दूर मोहना के पास एक ढाबे पर टैंकर रुका वहां ढाई लाख लीटर रूपी निकाली गई। खबर पुलिस तक पहुंची तो आरोपियों को पकड़ा गया
- रायरू डिस्टलरी से रवाना होने वाली टैंकरों से अवैध रूप से निकाले जाने वाला ओपी नकली शराब बनाने वाली तस्करों तक पहुंचाता है.
- एक लीटर ओपी से लगभग 2 पेटी शराब बनती है.
- नकली शराब बनाने वाली इसमें अन्य घातक केमिकल मिलाकर नकली दूध की तरह कई गुना शराब बना देते हैं.
- यही शराब कभी-कभी जहरीली बन जाती है और मुरैना जैसे कांड हो जाते हैं.