मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जहरीली शराब मामला: 6 महीने बाद भी पीडितों को नहीं मिली मदद, परिजनों ने ली हाईकोर्ट की शरण

30 मार्च को जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से महाराजपुरा थाना क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई थी. वहीं चार लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इस मामले में 6 माह बाद भी पीड़ित परिवारों को कोई मदद नहीं मिली है. परिवार ने मदद की गुहार लगाने हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे है. हाईकोर्ट इस मामले में 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.

The relatives of the victims reached the High Court in the poisonous liquor case
जहरीली शराब मामले में हाईकोर्ट पहुंचे पीड़ितों के परिजन

By

Published : Sep 30, 2021, 10:40 PM IST

ग्वालियर।छह महीने पहले ग्वालियर-भिंड की सीमा पर बसे खेरिया और चंदू पुरा गांव में 30 मार्च को जो कोहराम मचा था. उसकी गूंज आज भी सुनाई देती है. शहर की सीमा से सटे मालनपुर (भिंड) के सरकारी ठेके के बाहर बिक रही जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने के बाद चंदू पुरा के प्रदीप परिहार और खेरिया गांव के विजय सिंह परिहार की मौत हो गई थी. जबकि तेज सिंह जाटव, राकेश माहौर, बंटी रजक और चंद्रपाल जाटव की आंखों की रोशनी चली गई थी. किसी तरह से चंद्रपाल की रोशनी कुछ हद तक ठीक हो चुकी है, लेकिन बंटी रजक पूरी तरह से अंधे हो चुके हैं. इस मामले में शराब का शिकार हुए लोगों के परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

जहरीली शराब मामले में हाईकोर्ट पहुंचे पीड़ितों के परिजन

आंखों की रोशनी जाने के बाद जीवन में हुआ अंधेरा

तेज सिंह गांव में खेती किसानी का काम करता था, लेकिन उनकी नजर सिर्फ 5 फुट तक का ही देख पाती है. इसी तरह से राकेश माहौर नामक युवक की आंखें आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई है. माता पिता के देहांत के बाद उसकी शादीशुदा बड़ी बहन उसे अपने साथ गांव से दूसरे गांव लिवा ले गई.

शराब पीने के बाद दो लोगों की हुई मौत

होली की भाई दूज के समय 30 मार्च को गांव के ही विजय और प्रदीप ने भिंड के मालनपुर स्थित देसी शराब ठेके से यह शराब लाई थी. यह शराब पीने वालों की हालत बिगड़ने लगी. विजय ने अपने घर खेरिया में ही सोते-सोते ही दम तोड़ दिया. वहीं बाकी साथियों को भी उल्टी और आंखों की रोशनी जाने की शिकायत होने लगी. इसके बाद शराब का सेवन करने वालों को अस्पताल भिजवाया. जहां प्रदीप परिहार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

Reality Check: मंदसौर में जहरीली शराब ने ली 11 जान, सरकारी फाइल में सिर्फ चार मौत

मामले में सीबीआई जांच की मांग

जहरीली शराब से हुई मौतों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता परिजनों का कहना है कि 6 महीने बाद भी पुलिस इस मामले के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं खोज सकी है ना ही उन्हें कोई मुआवजा मिला है. हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता देखते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किए हैं और पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है.

22 अक्टूबर को होगी सुनवाई

मृतकों के परिवारों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को बताया था कि मालनपुर के देसी शराब के ठेके से उक्त शराब लाई गई थी. बावजूद इसके पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसमें अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस मामले में हाईकोर्ट में दर्ज हुई याचिका पर 22 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

मालवा-निमाड़ में 'जहर' का कहर, शराब पीने के बाद 20 लोगों ने गवाई जान, आंकड़ों में दर्ज हुई 13 मौत

सरकार नहीं कर रही कोई मदद

जहरीली शराब का शिकार हुआ बंटी रजक भारी वाहन चालक था. आंखों की रोशनी खोने के बाद अब वह ना तो वाहन चला सकता है और ना ही कुछ काम कर पाता है.उसके परिवार में तीन बेटियां और एक छोटा बेटा है. अब पत्नी गांव में मेहनत मजदूरी करके किसी तरह पति और बच्चों का पेट पाल रही है. तेज सिंह भी गांव वालों के रहमोंकरम पर पल रहा है. ग्रामीण चाहते हैं कि उनके जीवन में जो अंधेरा हुआ है, सरकार उदर पूर्ति का कोई साधन कर दें.

मंदसौर में जहरीली शराब पीने से 3 लोगों की मौत, पूर्व सीएम कमलनाथ ने उठाए सवाल

जनवरी में शराब से 26 लोगों की मौत

जनवरी में जहरीली शराब के इस्तेमाल से मुरैना के बागचीनी इलाके में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके 2 महीने बाद 30 मार्च को चंदू पुरा में यह हादसा हुआ. मृतकों में प्रदीप परिहार की शादी भी नहीं हुई थी. जबकि विजय सिंह अधेड़ उम्र के थे. यह दोनों ही मालनपुर के ठेके से शराब लेकर आए थे. शराब का शिकार हुए परिजनों ने मुआवजे के रूप में 10- 10 लाख रुपए की मांग की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details