ग्वालियर। देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन ने पर्यटन क्षेत्र में खासी छाप छोड़ी है. जिसका सीधा असर पर्यटक स्थलों पर देखने को मिल रहा है. शोरगुल और अपनी खूबसूरती से सराबोर सभी पर्यटन स्थल सुनसान और वीरान हो गए हैं. घर पर बैठे-बैठे भी लोग अब उबने लगे हैं, उन जगहों को काफी मिस भी कर रहे हैं. लेकिन अब चिंता मत कीजिए, ETV भारत के साथ देखिए ग्वालियर के वो सभी खूबसूरत पर्यटन स्थलों की तस्वीरें जो आपका मन मोह लेगी और आपकी बोरियत को भी दूर करेगी.
लॉकडाउन में क्या आप हो रहे हैं बोर ? यहां देखिए ग्वालियर के पर्यटक स्थलों की खूबसूरत तस्वीरें...
लॉकडाउन के दौरान अगर घर पर बैठे-बैठे आप पर्यटक स्ठलों को मिस कर रहे हैं तो अब मत करिए, ETV भारत आपके लिए लाया ग्वालियर से उन तमाम टूरिस्ट स्पॉट की तस्वीरें जो आपका मन मोह लेंगी. देखें ग्वालियर से ये खूबसूरत तस्वीरें.
ग्वालियर के पर्यटक स्थलों की खूबसूरत तस्वीरें
इन तस्वीरों के जरिए चलिए थोड़ा ऐडवेंचर कर लिया जाए-
- 1. ग्वालियर में यह सिंधिया राजघराने का राज शाही महल है. यहां पर रोजाना एक हजार से ज्यादा संख्या में देश-विदेश से पर्यटन आते हैं.
- 2. ये मोती महल की खूबसूरत तस्वीर है. पहले ग्वालियर मध्य भारत की राजधानी था. तब इसी महल में विधानसभा चलती थी और आज भी इसमें मध्य प्रदेश शासन और संभागीय स्तरीय के 100 से ज्यादा दफ्तर संचालित हो रहे हैं.
- 3. ये मोती महल का खूबसूरत हिस्सा है, जिसमें 100 से ज्यादा सरकारी दफ्तर संचालित हो रहे हैं.
- 4. ये ग्वालियर किले पर बनी सबसे बड़ी खूबसूरत जैन प्रतिमा है. कहा जाता है कि औरंगजेब के समय में इन सभी प्रतिमाओं को खंडित कर दिया गया था.
- 5. लॉकडाउन के दौरान ग्वालियर किले का खूबसूरत नजारा.
- 6. देश में सबसे खूबसूरत किले में शुमार ग्वालियर किले का खूबसूरत दृश्य.
- 7. ग्वालियर किले से शहर का मनमोहक नजारा.
- 8. ग्वालियर में मोहम्मद गौस का मकबरा है. बता दें, मोहम्मद गौस संगीत सम्राट तानसेन के गुरु माने जाते हैं.
- 9. इतिहास में कई शासक ऐसे रहे जो एक बार भी ग्वालियर दुर्ग को नहीं जीत पाए, लेकिन जाटवंश के राजाओं ने ये कारनामा दो बार करके दिखाया. ग्वालियर दुर्ग दो बार जाट राजाओं के अधीन रहा. भले ही ये शासन कुछ समय चला हो, लेकिन इतिहास अब भी इस जाट राजा को याद करता है. ग्वालियर किले पर बना भीमसिंह राणा और उनकी छत्री इस बात की गवाह है.
- 10. आठवीं शताब्दी में तेली की लाट से बना 90 फीट ऊंचा एक विष्णु मंदिर है. जब अंग्रेजों ने इस फोर्ट पर कब्जा किया तो इस मंदिर को कॉफी शॉप में बदल दिया गया. साथ ही अंग्रेज इस मंदिर में अपना खाना भी बनाने लगे थे.
Last Updated : May 6, 2020, 4:40 PM IST