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रियासतकालीन जमीन के मुद्दे पर हाईकोर्ट में लगी याचिका, सीलिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में रियासतकालीन जमीन के मुद्दों को लेकर एक याचिका दायर की गई है. जिसमें बताया गया है कि, जमीन पर जिस परिवार ने कब्जा है. उस परिवार के सदस्य अब जमीन को बेचने में लगे हैं, लिहाजा कार्रवाई करते हुए जमीन को बेचने से रोका जाए.

gwalior high court bench
ग्वालियर हाईकोर्ट बैंच

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Published : Oct 5, 2020, 5:59 PM IST

ग्वालियर।हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में रियासत कालीन जागीरदार जाधव परिवार के सदस्यों की पैतृक संपत्ति को भू राजस्व संहिता के अधीन लाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई हैं. इस याचिका के माध्यम से बताया गया है कि, जाधव परिवार ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है और जमीन को बेचना भी चाह रहे हैं. लिहाजा हाईकोर्ट जाधव परिवार के सदस्यों को उक्त जमीन को बेचने की कोशिशों पर रोक लगाई जाए और सीलिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए.

रियासतकालीन जमीन के मुद्दे पर हाईकोर्ट में लगी याचिका

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दरअसल, सरदार डीके जाधव और उनके परिवार की करीब 13 सौ बीघा से ज्यादा जमीन भिंड के गोहद तहसील के लहचुरा गांव में स्थित हैं. जो परिवार के धनंजय जाधव सहित अन्य सदस्यों के नाम हैं. हाईकोर्ट में स्थानीय अधिवक्ता ने याचिका दायर की और कहा है कि, इस जमीन का विक्रय किए जाने की कोशिश हो रही है. इस पर कोर्ट रोक लगाएं और भू राजस्व संहिता के तहत जमीन का सरकार अधिग्रहण करें.

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हाईकोर्ट में जनहित याचिका स्थानीय अधिवक्ता उमेश बोहरे ने दायर की है. उनका कहना है कि, कोई भी व्यक्ति राजस्व संहिता के प्रभाव सील होने के बाद 18 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता, जबकि उक्त परिवार के चार सदस्यों के नाम 13 सौ बीघा से ज्यादा जमीन मौजूद हैं. इसपर सीलिंग एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए और इस जमीन को सरकारी खातों में दर्ज होना चाहिए.

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