ग्वालियर। आज पूरा देश 70वां संविधान दिवस मना रहा है संविधान के बारे में सब ने सुना है लेकिन कम ही लोग होंगे जिन लोगों ने संविधान की मूल प्रति को देखा है. यह प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी है 31 मार्च 1956 को यह प्रति यहां लाई गई थी. उस वक्त देश के अलग-अलग हिस्सों में संविधान की कुल 26 मूल प्रतियां भेजी जा रही थी. ग्वालियर मध्यप्रदेश के उन इकलौते शहरों में था जहां इस मूल प्रति को भेजा गया था.
संविधान की 26 मूल प्रतियों में से ग्वालियर में है एक मूल प्रति, इसे देखने के लिए दूर-दूर आते हैं लोग
ग्वालियर प्रदेश का इकलौता शहर है जहां की सेंट्रल लाइब्रेरी में संविधान की मूल प्रति रखी गई है. जो 1956 में ग्वालियर लायी गई थी. इस प्रति को देखने के लिए कई लोग लाइब्रेरी आते है.
इस बारे में लाइब्रेरी प्रबंधन का कहना है कि संविधान की मूल प्रति ग्वालियर सेंटर लाइब्रेरी की शान में चार चांद लगा रही है यह हमारे गौरव की बात है संविधान की मूल प्रति हमारे पास है. इसको देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं.
खास है ये संविधान की प्रति
यह प्रति कई मायने में खास हैं इसके आवरण पृष्ठ पर स्वर्ण अक्षर अंकित हैं इसमें कुल 231 पेज है. इसमें संविधान के अनुच्छेद 344 से लेकर 351 तक उल्लेखित हैं. इतना ही नहीं संविधान सभा के 286 सदस्यों की मूल हस्ताक्षर भी इस प्रति में मौजूद है. इसमें बाबा भीमराव अंबेडकर से लेकर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और फिरोज गांधी शामिल है. अनुच्छेद की शुरुआत में प्रतीकात्मक का एक विशेष चित्र प्रकाशित किया गया है. इसको देखने वाले छात्रों का कहना है कि उनके लिए गौरव की बात है जिससे हमारा देश चलता है उसको हम देख पा रहे हैं.