ग्वालियर।ग्वालियर चंबल क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण आयाम जुड़ने से पहले ही विवादों में घिर गया है. यहां पॉटरीज की जमीन पर बन रहे हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में अब निर्माण करने वाली गुजरात की एजेंसी को बिना काम के करीब 4 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है. यह घोटाला पिछले दिनों ही सुर्खियों में आया था. इसके बाद से जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
अस्पताल को जल्द पूरा करने के निर्देश
पीआईयू यानी प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीके आरव ने इन दिनों ग्वालियर में डेरा डाला हुआ है. वह पीआईयू के अधिकारियों लोक निर्माण विभाग के अफसरों और अस्पताल प्रबंधन के बीच बैठक कर रहे हैं, और मामले की वस्तुस्थिति जानने की कोशिश में हैं. सोमवार को अतिरिक्त परियोजना संचालक आरव अपनी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हजार बिस्तरों वाले अस्पताल के आधे बिस्तरों के अस्पताल को जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए थे.
अस्पताल के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल का निर्माण भी जल्द किया जा रहा था, लेकिन इस बीच पीआईयू के सब इंजीनियर पीएन रायपुरिया ने 4 पेज की एक शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह से अनियमितता और भ्रष्टाचार तथा बिना कार्य के 3 करोड़ 85 लाख का भुगतान निर्माणकर्ता एजेंसी को किया गया है.