ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों को राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद नये साल में होने वाली जीएनएम की परीक्षा में छात्र शामिल नहीं हो सकेंगे. स्टेट नर्सिंग काउंसिल का कहना है कि इन कॉलेजों ने बिना मान्यता के छात्रों को एडमिशन दिया था.
हाईकोर्ट से नर्सिंग कॉलेज संचालकों को झटका, छात्र नहीं दे सकेंगे जीएनएम की परीक्षा - State Nursing Council
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने 40 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज संचालकों को राहत देने से मना कर दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद छात्र अब जनवरी में होने वाली जीएनएम की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे.
40 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों ने इस बात को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उनके यहां पढ़ने वाले छात्रों को जनवरी में होने वाली जीएनएम की परीक्षा में शामिल किया जाए, स्टेट नर्सिंग काउंसिल के अधिवक्ता ने बताया कि इन कॉलेजों को नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं था, बावजूद इसके उन्होंने छात्रों को एडमिशन दिया और अब ये कोर्ट में याचिका के जरिए छात्रों को परीक्षा में शामिल कराना चाहते हैं.
इस पर कोर्ट ने सरकार की दलील को सही माना और कहा कि मशरूम की तरह गली-मोहल्ले में उग आए इन कालेजों पर लगाम लगाना जरूरी है, जो छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल से 7 जनवरी तक जवाब तलब किया है, जबकि परीक्षा 6 जनवरी से शुरू होने वाली है, इस लिहाज से छात्रों के परीक्षा में शामिल होने पर संशय बना हुआ है.