ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब महामारी का डर सताने लगा है. कई गांवों से पानी निकलने के बाद उल्टी दस्त जैसी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गंदा पानी, कीचड़ और मच्छरों की वजह से कई लोग त्वचा संबंधी रोगों के भी शिकार हो रहे हैं. इन इलाकों में त्वचा संबंधी रोगों के शिकार मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. वहीं अब यहां डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का भी डर लोगों को सता रहा है.
ग्रामीणों का दावा फैल रही है महामारी
बाढ़ग्रस्त इलाकों के ग्रामीणों का दावा है कि इलाके में अब डेंगू, मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इतने दिनों बाद भी उनके इलाके में स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है. इसका विरोध करते हुए कई ग्रामीणों ने पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया. पूर्व मंत्री लाखन सिंह भी इन ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए.
गंदे पानी से फैल रही है डायरिया जैसी बीमारी
ग्वालियर चंबल अंचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को गंदा पानी मिल रहा है क्योंकि अभी भी गांव में पानी और मलबे की परतें बिछी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर है. यही कारण है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में सबसे ज्यादा मरीज डायरिया के सामने आ रहे हैं. सरकार के मंत्रियों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में खाना और स्वच्छ जल मुहैया करवाने के वादे किए थे लेकिन वो वादे अब पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं.
सरकार के मंत्री ने किए तमाम व्यवस्था के दावे