ग्वालियर।चंबल अंचल में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इस वजह से अस्पतालों के भी ज्यादातर बेड फुल हो चुके हैं. यही कारण है कि अब जिला प्रशासन उन मरीजों को घर पर ही होम क्वारेंटाइन कर रहा है, जिनमें कोरोना के लक्षण कम नजर आ रहे हैं और उनके घर पर क्वारेंटाइन रहने की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने होम क्वारेंटाइन मरीजों के घर से कचरे के निपटारे के लिए कोई योजना अभी तक तैयार नहीं की है. जिसके कारण इन पॉजिटिव मरीजों के घर से निकलने वाला कचरा सामान्य कचरे में मिल रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा आम लोगों में भी तेजी से बढ़ रहा है.
होम क्वारेंटाइन मरीजों के कचरे का प्रबंधन नहीं
ग्वालियर जिला प्रशासन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को शहर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिला अस्पातल के साथ-साथ छात्रावासों में भर्ती करा रहा है, इनसे निकलने वाले कचरे को शहर से दूर इंसुलेटर की मदद से नष्ट किया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा न बढ़े. वहीं अब जिला प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को बढ़ता देख मरीजों को उनके घर में ही होम क्वारेंटाइन करना शुरू किया है. जिन्हें घर में ही पूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन सबसे अहम बात ये है कि जो लोग घर में ही होम क्वारेंटाइन हैं और उनके घर से निकलने वाले अपशिष्ट कचरा कलेक्शन के लिए जिला प्रशासन ने कोई भी अलग से प्रबंध नहीं किया है.
यही वजह है कि होम क्वारेंटाइन मरीजों का कचरा चार-पांच दिनों तक उनके घर में ही पड़ा रहता है. उसके बाद कचरे को सामान्य लोगों के घरों से कचरा कलेक्शन वाली गाड़ी मरीजों के घरों से कचरा उठा रही है. जिससे संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. जब कचरा उठाने वाले ड्राइवर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग सामान्य घरों से कचरा उठाते हैं, उसके बाद पॉजिटिव मरीजों के घरों से भी कचरा उठा रहे हैं. पॉजिटिव मरीजों के घरों से ये कचरा तीन से चार दिन में इकट्ठा उठाते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के घरों के लिए कोई अगल से कचरा वैन उपलब्ध नहीं है.