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यहां लिखी गई थी बापू की हत्या की स्क्रिप्ट, पिस्तौल खरीदकर गोडसे ने ली थी ट्रेनिंग

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Published : Jan 30, 2020, 9:23 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 10:50 PM IST

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिरला भवन में महात्मा गांधी को गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन उसके पहले उसने ग्वालियर में पिस्तौल खरीदकर स्वर्ण रेखा नदी के किनारे चलाने की ट्रेनिंग ली थी, गांधी जी की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट ग्वालियर में ही लिखी गई थी.

Nathuram Godse plan to murder of Mahatma Gandhi
ग्वालियर में रची गई हत्या की साजिश

ग्वालियर। 30 जनवरी 1948 इतिहास का वो काला दिन था, जब अहिंसा के पुजारी को मौत की नींद सुला दिया गया था, इसी दिन दिल्ली के बिरला भवन में शाम को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर गांधीजी की हत्या कर दी थी. लेकिन इस हत्या की स्क्रिप्ट ग्वालियर में लिखी गई थी, ग्वालियर से ही नाथूराम गोडसे ने पिस्तौल खरीदी थी और यहीं पर स्वर्ण रेखा नदी के किनारे पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग भी ली थी.

ग्वालियर में लिखी गई थी बापू की हत्या की स्क्रिप्ट

ग्वालियर शुरू से ही हिंदू महासभा का गढ़ रहा है, नाथूराम गोडसे और उसके सहयोगी ग्वालियर आते जाते रहते थे, 20 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की साथियों के द्वारा गांधी की हत्या की साजिश नाकाम रहने के बाद गोडसे ग्वालियर आ गया था और अपने साथियों की जगह खुद महात्मा गांधी को मारने का इरादा कर लिया था.

500 रुपए में खरीदी थी पिस्तौल

ग्वालियर में उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए जरूरी सामान जुटाना शुरू कर दिया था, गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए 500 रुपए में एक पिस्तौल खरीदा था, इसके लिए गोडसे ने शहर में हिंदू संगठन चला रहे डॉ. डीएस परचुरे के सहयोग से अच्छी पिस्टल की तलाश शुरू कर दी थी, इस पिस्टल का सौदा डॉक्टर परचुरे के परिचित गंगाधर दंडवत ने कराया था, जिसे जगदीश गोयल के पास से खरीदा गया था, ग्वालियर से पिस्टल खरीदने की मुख्य वजह थी कि सिंधिया रियासत में हथियार खरीदने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ती थी, इसलिए यहां से पिस्तौल खरीदा बहुत आसान था.

स्वर्ण रेखा नदी के किनारे ली थी हत्या की ट्रेनिंग
नाथूराम गोडसे ने पिस्टल खरीदने के बाद 10 दिन तक सहयोगियों के साथ ग्वालियर में रहकर महात्मा गांधी की हत्या की तैयारी की थी और उसके बाद ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी के किनारे पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग ली थी. गोडसे ने ग्वालियर में रहकर महात्मा गांधी की हत्या की पूरी प्लानिंग करने के बाद ट्रेन से दिल्ली रवाना हुआ और अगली सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद शाम होटल में रुका और शाम को मौका पाते ही तीन गोलियां बापू के सीने में उतार दी.

Last Updated : Jan 30, 2020, 10:50 PM IST

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