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तीन महीने से खाली पड़ा ग्वालियर नगर निगम के मेयर का पद, हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव को लगाई फटकार

ग्वालियर नगर निगम के महापौर की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को फटकार लगाते हुए 14 अक्टूबर से पहले जवाब देने का निर्देश दिया है.

हाई कोर्ट

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Published : Oct 3, 2019, 11:22 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 1:32 PM IST

ग्वालियर। नगर निगम महापौर की नियुक्ति में हो रही देरी के चलते हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव से जवाब तलब किया है. न्यायालय ने पूछा है कि तीन महीने से खाली पड़े महापौर के पद को भरने के लिए अब तक क्या प्रक्रिया अपनाई गई है. प्रमुख सचिव को अपना जबाव शपथ पत्र के साथ 14 अक्टूबर से पहले कोर्ट में देना होगा.

ग्वालियर हाईकोर्ट

पूर्व महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के ग्वालियर संसदीय सीट से सांसद बनने के बाद उन्होंने पांच जून को मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसे 17 जुलाई को मंजूरी मिल गई थी. बावजूद इसके नगर निगम में महापौर की नियुक्ति की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है. इस मामले में स्थानीय अधिवक्ता एस के शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.

जिस पर हाईकोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे. लेकिन दो बार तारीख निकल जाने के बाद भी उन्होंने अपना जवाब पेश नहीं किया. जवाब पेश न होने पर हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि नगरीय प्रशासन 14 अक्टूबर से पहले अपना शपथ पत्र पेश करें. अगर 14 अक्टूबर तक प्रमुख सचिव की तरफ से कोई जवाब नहीं आता तो उनके खिलाफ कोर्ट दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.

याचिकाकर्ता एस के शर्मा ने बताया कि महापौर की नियुक्ति में हो रही देरी के चलते शहर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते उन्होंने याचिका लगाई थी. हाई कोर्ट ने नगरीय प्रशासन को 14 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है. जिसके बाद ही मामले की स्थिति साफ होगी.

Last Updated : Oct 3, 2019, 1:32 PM IST

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