ग्वालियर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना यानी डीआरडीई के आसपास बने भवनों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. रक्षा नियमों के मुताबिक डीआरडीई के आसपास 200 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण नहीं हो सकता है लेकिन अब यहां डेढ़ सौ से ज्यादा भवनों का निर्माण हो चुका है. इनमें ज्यादातर गैर सरकारी है, जबकि 3 दर्जन से ज्यादा बड़े सरकारी निर्माण है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने सबसे पहले 51 ऐसे निर्माणों को नोटिस जारी किए है जो पूरी तरह अवैध है.
डीआरडीई के आसपास अवैध निर्माण वालों को नगर निगम का नोटिस, डेढ़ सौ से ज्यादा भवनों का निर्माण हो चुका है अवैध निर्माण - Gwalior
रक्षा नियमों के मुताबिक डीआरडीई के आसपास 200 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण नहीं हो सकता है लेकिन अब यहां डेढ़ सौ से ज्यादा भवनों का निर्माण हो चुका है.
डीआरडीई के आसपास के निर्माण हटाने के लिए हाईकोर्ट ने 28 मार्च को निर्देश जारी किए थ. ऐसे में करीब 10 हजार करोड़ से ज्यादा की सरकारी गैर सरकारी संपत्तियां खतरे की जद में है. खास बात यह है कि निगम मुख्यालय कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम बैडमिंटन कोर्ट सहित बड़े निर्माण 200 मीटर की परिधि में है. 37 सरकारी निर्माण के अलावा 51 निर्माण पूरी तरह से अवैध है. बाकी निर्माण करीब 55 है जो बनाए तो परमिशन लेकर है लेकिन वह रक्षा नियमों के खिलाफ है. इसलिए हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश है कि 200 मीटर की परिधि के सभी निर्माणों को हटाया जाए नगर निगम ने इन निर्माणों को तीन कैटेगरी में बांटा है.
पहली कैटेगरी में ऐसे अवैध निर्माण है जो पूरी तरह अवैध है दूसरे में सरकारी निर्माण है और तीसरे में निगम की अनुमति से बने निर्माण है. जिला प्रशासन ने केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष हजारों करोड़ की संपत्तियां बचाने के लिए डीआईडीई के क्रिटिकल पार्ट को कहीं और शिफ्ट करने का आग्रह किया है वही जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी भी दायर की है जिसमें 200 मीटर के दायरे को 50 मीटर तक करने की अपील की गई है. फिलहाल याचिका सुनवाई में नहीं आई है.