ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह सक्रिय हो गई है. सबसे अधिक नजर ग्वालियर चंबल अंचल पर है, क्योंकि चंबल अंचल से ही यह तय होगा कि एमपी में किसकी सरकार बनेगी. इसी को लेकर ईटीवी भारत मध्य प्रदेश की एक-एक सीट पर विश्लेषण लेकर आ रहा है. ईटीवी भारत के खास प्रोग्राम "एमपी सीट स्कैन" में हम आज ग्वालियर जिले की दक्षिण विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे.
इस सीट पर जाती का अहम फैक्टर:ग्वालियर जिले की दक्षिण विधानसभा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. जिले की विधानसभा पहले लश्कर पश्चिम के नाम से जानी जाती थी और इस सीट पर जाती फैक्टर काफी अहम माना जाता है. यह वह सीट है जो बीजेपी का गढ़ कही जाती है. इस विधानसभा सीट से बीजेपी अपना 6 बार विधायक बना चुकी है, लेकिन वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. वर्तमान में इस सीट से प्रवीण पाठक विधायक हैं. ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में कुल 254218 वोटर हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 134563 और महिला मतदाताओं की संख्या 119655 है. वहीं अन्य वोटरों की संख्या 7 है.
जातिगत समीकरण: ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट जातिगत समीकरण के हिसाब से कुशवाहा बाहुल्य और मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. इसी विधानसभा क्षेत्र में ही कुशवाहा समाज के प्रतिनिधित्व और कुशवाहा समाज के वोटरों के अधिक संख्या होने के चलते बीजेपी ने नेता नारायण सिंह कुशवाहा को 3 बार विधायक बनने का मौका दिया है और वे मध्य प्रदेश सरकार में जातिगत समीकरण के चलते ही गृह, परिवहन और जेल मंत्री भी रह चुके हैं. इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के नेता भगवान सिंह यादव को भी विधायक और मंत्री बनने का मौका दिया है.
पूर्व महापौर की बगावत बीजेपी को पड़ी थी भारी: वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब वह मुख्य मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण पाठक के बीच हुआ. नारायण सिंह कुशवाह की जीत लगभग सुनिश्चित थी, लेकिन इसी बीच बीजेपी के ही नेता और पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने बीजेपी से बगावत करते हुए दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था. जिसका सीधा सीधा फायदा कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण पाठक को मिला और वे महज 121 वोटों के अंतर से कांग्रेस से विधायक चुने गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रवीण पाठक को 56369 और बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाहा को 56248 वोट हासिल हुए थे, यानी अंतर महज 121 वोटों का था. जबकि त्रिकोणीय मुकाबले के तहत पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता 30745 मत हासिल करके बीजेपी प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंध लगा चुकी थी.
साल 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे: साल 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो ग्वालियर दक्षिण सीट से कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को टिकट दिया था. जबकि बीजेपी के टिकट पर नारायण सिंह कुशवाह खड़े हुए थे. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा मुकाबला त्रिकोणीय था. जिसमें फायदा कांग्रेस को हुआ था. कांग्रेस के प्रवीण पाठक को 56369 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाह को 56248 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर निर्दलीय समीक्षा गुप्ता 30745 वोट से संतुष्ट होना पड़ा था.
2013 विधानसभा चुनाव:इसी तरह अगर विधानसभा चुनाव 2013 की बात करें तो इस साल भी बीजेपी ने नारायण सिंह कुशवाहा को टिकट दिया था. जबकि कांग्रेस ने रमेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी चुना था. चुनाव परिणाम में बीजेपी के नाारायण सिंह कुशवाहा को 78627 वोट तो वहीं कांग्रेस से रमेश अग्रवाल को 52360 वोट मिले थे. इस चुनाव में नारायण सिंह कुशवाह ने 16267 वोटों से जीत हासिल की थी.
2008 विधानसभा चुनाव:इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने नारायण सिंह कुशवाहा को ही अपना उम्मीदवार बनाया था. जबकि कांग्रेस के टिकट से रश्मि पवार शर्मा ने चुनाव लड़ा था. चुनाव परिणाम में बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाहा को 40061 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस से रश्मि पवार शर्मा को 32316 वोट मिले थे. इस चुनाव में नारायण सिंह कुशवाह ने 7745 वोटों से जीत हासिल की थी.
2003 विधानसभा चुनाव: साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से नारायण सिंह कुशवाहा को 46483 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस से भगवान सिंह यादव को 41570 वोट मिले. इस चुनाव में नारायण सिंह कुशवाह ने 4913 वोटों से जीत हासिल की थी.
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के संभावित उम्मीदवार